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 स्वतंत्रता की रक्षा में न्यायपालिका की भूमिका महत्वपूर्ण : प्रणब (लीड-1) | dharmpath.com

Wednesday , 30 April 2025

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स्वतंत्रता की रक्षा में न्यायपालिका की भूमिका महत्वपूर्ण : प्रणब (लीड-1)

पटना, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने यहां शनिवार को कहा कि गणतंत्र की स्थापना के बाद समानता, न्याय और स्वतंत्रता की रक्षा में न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि पटना उच्च न्यायालय का एक स्वर्णिम इतिहास रहा है और मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए पटना उच्च न्यायालय के अहम योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

पटना उच्च न्यायालय के शताब्दी समारोह के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ़ राजेन्द्र प्रसाद ने भी वकालत की थी। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार में पटना में ही वकालत करने वाले रविशंकर प्रसाद पहले कानून मंत्री बने हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान की रक्षा और मूलभूत अधिकारों के संरक्षण में न्यायपालिका की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा, “तमाम ऐतिहासिक फैसलों का गवाह रहा पटना उच्च न्यायालय अपने सौ साल पूरे कर रहा है। इस अवसर पर शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया है।”

उन्होंने न्याय प्रणाली में उच्च तकनीक के प्रयोग करने की वकालत करते हुए कहा कि आज न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या बढ़ रही है। लोगों को जल्द न्याय मिल सके इसलिए मामलों को जल्द निपटाने की आवश्यकता है।

राष्ट्रपति ने कहा, “नई तकनीक के इस्तेमाल से जरूरतमंदों को समय पर न्याय मिल सकेगा।”

राष्ट्रपति ने बिहार की सराहना करते हुए कहा कि बिहार से तीन ऐसे न्यायाधीश हुए जो भारत के प्रधान न्यायाधीश बने। इसमें न्यायमूर्ति बी़ पी़ सिन्हा, एल़ एम़ शर्मा और न्यायमूर्ति आऱ एस़ लोढ़ा शामिल रहे।

इसके पूर्व पटना उच्च न्यायालय के शताब्दी समारोह का उद्घाटन राष्ट्रपति ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच़ एल़ दत्तू भी मौजूद थे।

राष्ट्रपति के पटना उच्च न्यायालय पहुंचने पर खास धुन बजाकर उनका स्वागत किया गया।

इस मौके पर बिहार के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि न्यायप्रणाली काफी पुरानी व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि पटना उच्च न्यायालय के लोगों के लिए ही नहीं यह पूरे बिहार के लिए खुशी का मौका है।

न्यायमूर्ति दत्तू ने पटना उच्च न्यायालय के स्वर्णिम इतिहास को याद किया तथा कानून का राज स्थापित करने में पटना उच्च न्यायलय के योगदान की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने पटना को महापुरुषों की धरती बताया और कहा कि यह आर्यभट्ट, सम्राट अशोक, चाणक्य और गुरु गोविन्द सिंह की कर्मभूमि है।

केन्द्रीय कानून मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा कि केन्द्र सरकार लंबित मामलों की संख्या घटाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने न्याय प्रणाली को आसान बनाने पर भी जोर दिया।

केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पटना उच्च न्यायालय के स्वर्णिम इतिहास को याद करते हुए कहा कि यह न्यायालय लोकतंत्र का प्रमुख स्तंभ है और यह विशिष्ट स्थान रखता है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि कानून का राज स्थापित करने में न्यायपालिका की अहम भूमिका है। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से न्यायपालिका को पूरा सहयोग देने का वादा किया।

पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एल़ नरसिम्हा रेड्डी ने कहा, “बिहार महापुरुषों की धरती रही है। पटना उच्च न्यायालय में देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने भी वकालत की है। यह इसके गौरव को और बढ़ाता है।”

राष्ट्रपति ने इस मौके पर एक डाक टिकट भी जारी किया। उल्लेखनीय है कि इस समारोह में भाग लेने के लिए राष्ट्रपति शुक्रवार को ही पटना पहुंच गए थे।

पटना उच्च न्यायालय के एक सौ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में यह वर्ष शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।

स्वतंत्रता की रक्षा में न्यायपालिका की भूमिका महत्वपूर्ण : प्रणब (लीड-1) Reviewed by on . पटना, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने यहां शनिवार को कहा कि गणतंत्र की स्थापना के बाद समानता, न्याय और स्वतंत्रता की रक्षा में न्यायपालिका की म पटना, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने यहां शनिवार को कहा कि गणतंत्र की स्थापना के बाद समानता, न्याय और स्वतंत्रता की रक्षा में न्यायपालिका की म Rating:
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