नई दिल्ली, 10 मई (आईएएनएस)। उत्तर भारत के प्रमुख कपास उत्पादक हरियाणा में इस साल कपास की बुवाई सुस्त रफ्तार से चल रही है। प्रदेश के कृषि विभाग की ओर से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार आठ मई 2018 तक हरियाणा में 1.62 लाख हेक्टेयर भूमि में कपास की बुवाई हो चुकी है जबकि पिछले साल समान अवधि में कपास का रकबा 2.05 लाख हेक्टेयर हो चुका था।
हरियाणा के सिरसा जिले के कपास उत्पादक राजाराम बेगू ने बताया कि जो बुवाई हुई भी है वह फसल भी अच्छी हालत में नहीं है। गर्म हवा और धूल भरी आंधी में कपास के कोमल पौधों को नुकसान पहुंचा है।
उधर, कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश के कुछ जिलों में इस सप्ताह हल्की बारिश हुई है।
हरियाणा सरकार ने इस साल कपास के लिए 6.48 लाख हेक्टेयर खेती का लक्ष्य तय किया है, जबकि प्रदेश में कपास का सामान्य रकबा (पिछले कुछ साल का औसत) 6.14 लाख हेक्टेयर रहता है।
हालांकि कारोबारी इस साल प्रदेश में कपास का रकबा घटने का अनुमान लगा रहे हैं। एक बीज विक्रेता ने बताया कि किसानों की ओर से बीज की मांग कम आ रही है, जिससे लगता है कि इस साल कपास का रकबा घट सकता है।
कारोबारियों के मुताबिक, कपास की बुवाई सुस्त रहने से इसके रूई के दाम को सपोर्ट मिल रहा है।
उत्तर भारत के हाजिर बाजार में रूई 4380-4400 रुपये प्रति मन यानी 37.32 किलोग्राम के आसपास बिका।
घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर बुधवार को रूई का मई वायदा 20 रुपये की बढ़त के साथ 20,810 रुपये प्रति गांठ पर बंद हुआ।