नई दिल्ली, 18 फरवरी (आईएएनएस)। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिफ्तारी की निंदा करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा कि जेएनयू को बचाने का अभियान ‘हिन्दुत्व से मुकाबले के व्यापक संघर्ष’ का हिस्सा है।
माकपा के मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ के संपादकीय में लिखा गया है, ” विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों को अपने राजनीतिक-विचारधारात्मक दायरे में लाने का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-भाजपा का अभियान पूरे जोरशोर से जारी है। जेएनयू को इसलिए प्रमुख रूप से निशाना बनाया गया है क्योंकि यह आरएसएस-हिन्दुत्ववादी ताकतों के विरोध में खड़ा होता है। “
माकपा ने कहा कि राष्ट्रद्रोह के आरोप में छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी अलगाववादी अफजल गुरु की फांसी की बरसी पर हुए विरोध प्रदर्शन कि जरूरत से अधिक प्रतिक्रिया है।
अखबार ने लिखा है, “लेकिन, यह अफसरशाही की उग्र प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि भाजपा सरकार के राजनीतिक हस्तक्षेप का नतीजा है..यह आरएसएस-भाजपा का लंबे समय से मकसद रहा है कि जेएनयू को ‘राष्ट्र विरोधी’ ताकतों के गढ़ के रूप में चित्रित किया जाए। “
इस संपादकीय में कहा गया है कि जेएनयू छात्र संघ ने 9 फरवरी को किसी कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया था, जहां कथित रूप से राष्ट्र विरोधी नारे लगाए गए थे।