शिमला, 16 नवंबर (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश में 5,000 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन को ध्यान में रखते हुए दिया गया, जो इस वित्त वर्ष का मुख्य लक्ष्य है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने सोमवार को आईएएनएस को बताया कि 2015-16 के दौरान आजीविका मिशन के तहत मुख्य जोर सामाजिक एकजुटता, संस्था निर्माण, राष्ट्रीयकरण और मानव संसाधन रचना पर ज्यादा ध्यान दिया गया।
प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य गरीब परिवारों तक पहुंचना और उनका तब तक लालन-पालन करना है, जब तक कि वे गरीबी मुक्त न हो जाएं। यह मिशन राज्य में 2013 में शुरू हुआ और इस साल निधि प्रबंधन के तहत 5,542 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इस मिशन के तहत 9,146 स्वयं सहायता समूहों के जरिये गरीबी रेखा से नीचे और गरीब परिवारों की करीब 50,000 महिलाओं को शामिल किया गया है।
यह कार्यक्रम कुछ चयनित खंडों-कंडाघाट, मंडी सदर, नूरपुर, हरोली और बसंतपुर में चलाया गया है, जबकि बाकी गैर-गहन खंडों में यह कार्यक्रम आंशिक रूप से चालू है।
केंद्र सरकार ने इस कार्यक्रम के लिए अब तक 1,496.98 लाख रुपये की मंजूरी दी है। इसमें राज्य सरकार का योगदान 333 लाख रुपये का है।
इस कार्यक्रम के दायरे में पहले गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को लाया जाएगा।