अनिल सिंह — गुरुपूर्णिमा पर्व 22 जुलाई को है ,यह पर्व आदिकाल से मनाया जाता है ,सनातन व्यवस्था में इसका विशेष महत्व है,गुरु-शिष्य परंपरा के साधक पूरे वर्ष इन्तजार में रहते हैं एवं शिष्य ही नहीं गुरु भी उतने ही व्यग्र रहते हैं पर्व के इन्तजार में।
शिष्य गुरु जी से अनुरोध करता है कि वे उसे अपनी शरण में लें और अपनी कृपा की छाया उस पर करें,गुरु भी उस शिष्य पर अपनी छाया कर उसे अपनी शरण में लेते हैं एवं शिष्य को अपने तय किये हुए पथ पर चलने की प्रेरणा देते हैं ,शिष्य पर यह निर्भर करता है कि कितने मनोयोग से वह गुरु के वचनों को आत्मसात करता है और गुरु-कृपा प्राप्त करता है।
भारत वर्ष के गुरु-पीठों में और मठों में अभी से पर्व की तैयारियां शुरू हो गयी हैं,शिष्य भी अपने-अपने स्तर पर तैयारियों में जुटे हुए हैं।
ब्रेकिंग न्यूज़
- » पाकिस्तान को एक और झटका देने की तैयारी में भारत
- » कश्मीर टूरिज्म पर पड़ा असर, मध्य प्रदेश से 200 से ज्यादा बुकिंग रद्द
- » भोपाल स्थित भेल परिसर की आयल टंकियों में ब्लास्ट से उठीं 20 फीट ऊंची लपटें
- » गौतम गंभीर को मिली जान से मारने की धमकी
- » मंडीदीप:गेल प्लांट से गैस रिसाव, घंटों की मशक्कत के बाद कंट्रोल में आई स्थिति
- » सिंधु समझौता स्थगित, अटारी बॉर्डर बंद, पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द
- » सऊदी का दौरा बीच में छोड़ लौट रहे हैं PM मोदी
- » पहलगाम:आतंकी हमले से देश स्तब्ध
- » इंदौर में फिर कोरोना वायरस की दस्तक
- » नीमच-कार-कंटेनर की टक्कर से चार युवकों की मौत, तीन घायल