नई दिल्ली, 25 अप्रैल (आईएएनएस)। रियल्टी बाजार के 97 फीसदी खरीदार वे उपभोक्ता हैं जो निवेश की बजाए खुद के रहने के लिए घर खरीदना चाहते हैं। ऑनलाइन रियल इस्टेट सलाहकार प्रोपटाइगर की (रिएलिटी डिकोडेड) रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2015-16 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में पहली तिमाही (मार्च-मई 2015) की तुलना में 20 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई जबकि पहली तिमाही में यह मांग 77 प्रतिशत थी।
इस रिपोर्ट में बताया गया है वित्त वर्ष 2-15-16 की चौथी तिमाही में बिक्री में कमी हुई है और केवल 51,000 घरों की बिक्री हुई है। जबकि पिछली चार तिमाहियों के दौरान घरों की बिक्री 49,000 से 57,000 इकाइओं के बीच रही थी। हालांकि बिक्री में यह गिरावट केवल एक फीसदी रही। जो इसके पिछली तिमाही में चार फीसदी थी। पिछली 9 तिमाहियों को घरों की बिक्री में गिरावट का आंकड़ा चार फीसदी से अधिक रहा, जबकि वर्तमान तिमाही में स्थिति में थोड़ी सुधार देखी गई।
यह अध्ययन नौ शहरों में किया गया जिनमें मुंबई, पुणे, नोएडा, गुड़गांव, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता और अहमदाबाद शामिल थे।
इस बारे में प्रोपटाईगर डॉट कॉम के बिजनेस हेड (परामर्श एवं डेटा इनसाइट्स) अनुराग झंवर ने बताया, “यह उद्योग अपने इस्तेमाल के लिए घर खरीदने वालों और किफायती घर खरीदने वालों पर ही निर्भर करेगा। इस बाजार में अब बुनियादी परिवर्तन आ चुका है और निवेशकों से अधिक वे लोग घर खरीद रहे हैं जो खुद के इस्तेमाल के लिए घर खरीदना चाहते हैं। उनका मुख्य जोर किफायती घरों पर है।”
प्रोपटाइगर के अध्ययन के अनुसार हैदराबाद ही एक ऐसा शहर है जहां जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान बिक्री में बढ़ोतरी देखी गई। इस शहर में पिछले वर्ष की इसी तिमाही के मुकाबले बिक्री में पांच फीसदी बढ़ोतरी हुई है। दूसरे सभी शहरों में वित्त वर्ष 2015 की चौथी तिमाही में बिक्री में 4 से 44 फीसदी की गिरावट देखी गई। हैदराबाद में पिछली नौ तिमाहियों में रियल्टी बाजार में कीमतों में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है जबकि इसी समयावधि में बेंगलुरू में 13 फीसदी की वृद्धि हुई है जो दूसरे स्थान पर है।