पणजी, 12 अगस्त (आईएएनएस)। चीन के विदेश मंत्री वांग यी शुक्रवार को अक्टूबर में गोवा में होनेवाले ब्रिक्स सम्मेलन की तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भी भाग लेने की संभावना है।
वांग ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भारत को दक्षिण चीन मामले में अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए कि वह किसकी तरफ है।
वांग के नेतृत्व में आए चीनी प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर, राज्यपाल मृदुला सिन्हा और आयोजन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों और सुरक्षा अधिकारियों के साथ मुलाकात की।
उन्होंने दो तटीय रिसॉर्ट का भी दौरा किया, जहां अक्टूबर में सम्मेलन के दौरान दो दिनों के लिए चीनी प्रतिनिधिमंडल को ठहराया जाएगा।
पारसेकर के साथ बैठक के बाद वांग ने कहा, “गोवा का एक सम्मानित इतिहास है। यहां सुंदर परि²श्य, समृद्ध संसाधन और कड़ी मेहनत वाले लोग हैं। यह भारत के सबसे विकसित राज्यों में से एक है। गोवा छोटा है, लेकिन सुंदर है।”
उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि यह राज्य भारत के उज्जवल भविष्य का प्रतीक है। मैं जानता हूं कि ब्रिक्स सम्मेलन गोवा को एक व्यापक स्तर पर ले जाएगा।”
उन्होंने कहा कि गोवा भारत के भविष्य का प्रतीक और आगामी ब्रिक्स सम्मेलन में वैश्विक स्तर पर एक बड़ा तटीय मंच बनकर उभरेगा।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति जिनपिंग को ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने का न्योता दिया है। मैं अभी भारत दौरे पर हूं, और इसलिए आयोजन स्थलों का जायजा लेने के लिए गोवा आया हूं।”
यह पूछे जाने पर कि क्या दक्षिण चीन सागर मामले में चीन भारत से समर्थन की उम्मीद रखता है। वांग ने कहा, “यह भारत के ऊपर है कि वह फैसला करे कि उसे किस तरफ रहना है।”
संवाददाताओं से बातचीत में पारसेकर ने कहा कि वांग ने उनकी सरकार की दो प्रौद्योगिकी परियोजनाओं में रुचि दिखाई है।
पारसेकर ने कहा, “उन्होंने गोवा के इलेक्ट्रॉनिक सिटी और आईटी पार्क में रुचि दिखाई है और कहा कि ब्रिक्स सम्मेलन के बाद वे यहां निवेश करेंगे।”
वांग शनिवार को नई दिल्ली में अपने समकक्ष सुषमा स्वराज से मुलाकात करेंगे।