पेड़-पौधे न सिर्फ घर को आकर्षक बनाते हैं बल्कि परिवार के लिए पहरेदार की भूमिका भी निभाते हैं। कभी-कभी तो वे अभिभावक की तरह भी घर वालों की रक्षा करते हैं। बीते जमाने में घर आंगन में नीम, आम, आंवला, अनार आदि के पेड़ लगाए जाते थे। अब जगह की कमी पड़ती है। घर आंगन गायब हो रहे हैं।
आमतौर पर लोग फ्लैट में रहते हैं। अपार्टमेंट का जमाना है। इसलिए इन विशालकाय पेड़ों का लगाना मुश्किल है। फिर भी जहां तक हो सके पेड़ पौधों से दोस्ती रखने की सलाह दी जाती है। गुह्यविद्या विशारद पं. श्यामाचरण दुबे का कहना है कि पेड़ों से दोस्ती मनुष्य के भीतरी सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं।
कुछ पौधे ऐसे भी है जो जिस घर आंगन में लगे होते हैं, वहां बसने वालों की उन्नति में चार चांद लगाते हैं। ऐसे पौधों को कायदे से लगाएं तो घर और परिवार उन्नति से भर जाएगा। इस तरह के पौधों मे तुलसी का पौधा अव्वल है।
पंडित श्यामाचरण तो यहां तक कहते हैं कि पारंपरिक ढंग के बने मकानों में रहने वाले ज्यादा सुखी और शांत रहते थे। इसका एक बड़ा कारण तुलसी चौरा, क्यारी और वहां सुबह के वक्त चढ़ाया जाने वाले जल के अलावा शाम के समय रखा गया दीप होता था।
चित्रकूट स्थित रामायणीयम संस्था के विद्वानों की राय में तुलसी को घर के उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्वी दिशा में लगाने पर परिवार में सुख शांति का माहौल बनने लगता है। पेड़ को घर के मुख्य द्वार पर कभी न लगाने की सलाह देते हुए पं. श्यामाचरण कहते हैं नीम, चंदन, नींबू, आम, आंवला, अनार आदि से भी सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
पेड़ों को घर के दक्षिण या पश्चिम दिशा में लगाएं। वैसे कायदे से पेड़ सिर्फ एक दिशा में ही न लगा कर इन दोनों दिशाओं में लगे होने चाहिए। कांटे वाले पौधे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं। गुवाब का पौधा इसका अपवाद है।