हांगझू, 5 सितम्बर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यहां जारी जी20 शिखर सम्मेलन के दूसरे व अंतिम दिन काले धन व कर चोरी का मुद्दा उठाया। साथ ही सदस्य देशों से वित्तीय भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाने की अपील की।
मोदी ने कहा, “प्रभावी वित्तीय गवर्नेस के लिए भ्रष्टाचार, काले धन तथा कर चोरी से निपटना महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने सदस्य देशों से वित्तीय भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई को लेकर ‘पूर्ण प्रतिबद्धता’ बरतने की अपील भी की।
उन्होंने बेस इरोजन एंड प्रोफिट शिफ्टिंग (बीईपीएस) की अनुशंसाओं को लेकर भारत के समर्थन की घोषणा की और देशों से 2017-2018 की तय सीमा को लेकर प्रतिबद्धता की अपील की।
मोदी ने जी20 सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “हमें आर्थिक अपराधियों के सुरक्षित ठिकानों को खत्म करने की, धन शोधन करने वालों को पकड़ने और जटिल अंतर्राष्ट्रीय नियमों और बैंकिंग गोपनीयता की आड़ में भ्रष्टाचार और उसके कारनामों को छुपाने वाले जाल को तोड़ने की जरूरत है।”
जी20 के सदस्य देश दुनिया भर की 85 फीसदी जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) रखते हैं। इनमें अर्जेटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल है।
‘जी -20 शिखर सम्मेलन में अधिक प्रभावी और कुशल वैश्विक आर्थिक और वित्तीय शासन’ पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए मोदी ने वैश्विक वित्तीय सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने का आह्वान किया।
मोदी ने कहा, “हमें अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ नियमित संवाद, क्षेत्रीय वित्तीय व्यवस्था और द्विपक्षीय आदान-प्रदान व्यवस्था की जरूरत है। साथ ही वित्तीय स्थिरता बोर्ड जैसे महत्वपूर्ण तंत्र को अपने मूल विषय पर बने रहना चाहिए।”
कर चोरी के मुद्दे पर मोदी ने दोहराया कि बेस इरोजन एंड प्रॉफिट शेयरिंग (बीइपीएस) की सिफारिशों के लिए भारत का समर्थन दोहराया और बाकी देशों से 2017-18 की समयसीमा तक प्रतिबद्धता पूरा करने का आह्वान किया।