नई दिल्ली, 23 सितम्बर (आईएएनएस)। भारतीय पैरालम्पिक समिति (आईपीसी) के अध्यक्ष राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि समिति विकास में सहायता के लिए सरकार पूर्ण रूप से निर्भर नहीं रहेगी और स्वयं आगे बढ़ने की कोशिश करेगी।
भारतीय पैरालम्पिक एथलीटों के सम्मान में गुरुवार को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में इंद्रजीत ने यह बात कही।
उन्होंने कहा, “भारतीय पैरालम्पिक समिति की मंशा सरकार पर पूर्ण रूप से निर्भर होने की नहीं है और इसलिए हम एक उपसमिति का निर्माण करेंगे ताकि देश में छिपी प्रतिभाओं को ढूंढ कर बाहर लाया जा सके।”
इंद्रजीत सिंह ने कहा कि इसके लिए समिति निजी तौर पर कई प्रयास करेगी। इसके साथ ही उन्होंने भावी योजनाओं के बारे में भी जानकारी साझा की।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और केंद्र सरकार में राज्य मंत्री इंद्रजीत सिंह ने कहा कि 2020 में होने वाले टोक्यो ओलम्पिक के लिए वह प्रायोजकों को आकर्षित करने की कोशिश करेंगे।
इन योजनाओं में उपसमिति का निर्माण भी शामिल है। इसके साथ ही नई प्रतिभाओं की खोज के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।
सिंह ने कहा कि भारतीय दल के उम्दा प्रदर्शन को देखते हुए जापानी वाहन निर्माता कम्पनी टोयोटा और ब्रिटिश पेट्रोलियम ने आईपीसी के सामने प्रायोजक बनने का प्रस्ताव रखा है लेकिन उनका संगठन फिलहाल भारतीय प्रायोजकों के प्रस्ताव का इंतजार कर रहा है।
सिंह के मुताबिक भारतीय प्रायोजकों को प्राथमिकता मिलेगी। अभी आईपीसी के साथ हीरो और पीतामल ग्रुप जुड़े हुए हैं और दीर्घकालीन सहयोग और समर्थन का वादा किया है।
इसके साथ ही इंद्रजीत ने कहा, “प्रायोजकों के लिए वह टाटा और रिलायंस आदि कंपनियों से चर्चा जारी है। इन प्रायोजकों से मिलने वाले धन से एथलीटों के विकास और खेल में सुधार हेतु सभी सुविधाओं की व्यवस्था में मदद मिलेगी।”
इंद्रजीत ने यह भी कहा कि पैरालम्पिक एथलीटों पर किसी भी प्रकार का दबाव न पड़े, इसलिए रियो पैरालम्पिक से पहले किसी बड़े समारोह का आयोजन नहीं किया गया था और आगे भी ऐसा ही किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि एथलीटों पर दबाव न डालने के बजाए उन्हें और भी बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।