अंजलि ओझा
अंजलि ओझा
मॉस्को, 28 सितम्बर (आईएएनएस)। भारत और रूस समूह में एक-दूसरे के यहां आने-जाने के लिए वीजा मुक्त व्यवस्था के लिए काम कर रहे हैं। रूस की ओर से कहा गया है कि जल्दी ही उसे इसमें कुछ प्रगति होने की उम्मीद है।
रूस के संस्कृति एवं पर्यटन की संघीय एजेंसी के उप प्रमुख सरगेई कोर्नीव ने आईएएनएस से कहा कि वे रूस में भारत के और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए जल्द ही करार करने को इच्छुक हैं।
भारत के ट्रैवेल एजेंटों के एक समूह के साथ विचार-विमर्श करने के बाद कोर्नीव ने आईएएनएस से कहा, “विचार-विमर्श गंभीर स्तर पर चल रहा है और एक पर्यटक संस्था के रूप में हम लोग इसे उदार बनाने के पक्ष में हैं। हम लोग यह प्राथमिकता के आधार पर कर रहे हैं।”
ट्रैवेल एजेंटों के रूस दौरे का आयोजन रूसी सूचना केंद्र की ओर से किया गया है।
उन्होंने कहा, “हमें खेद है कि हम पहले ही इस बारे में कुछ गतिविधियों से चूक गए। हम भारतीयों के आने के बारे में स्थिति में बदलाव चाहते हैं।” उन्होंने कहा, “पर्यटक के रूप में भारतीय बहुत अच्छे हैं, हम लोगों का एक मजबूत ऐतिहासिक रिश्ता है।”
अभी रूस का चीन के साथ ऐसा करार है। इसके तहत पांच से लेकर 50 लोगों तक का समूह एक ऐसे टूर ऑपरेटर के साथ जो दोनों देशों में पंजीकृत हो बगैर वीजा के किसी भी देश में 15 दिनों तक दौरा कर सकता है।
वर्ष 2015 में करीब दो करोड़ भारतीयों ने विदेश यात्रा की थी। रूस की यात्रा करने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या बढ़ गई है, रूस की सरकार इसका सबसे बड़ा हिस्सा लेना चाहती है।
दोनों देश पांच सदस्यों के समूह को दौरे की इजाजत देने के बारे में विचार कर रहे हैं, लेकिन कोर्नीव ने कहा कि वे कोशिश करेंगे कि यह संख्या कम करके तीन की जाए ताकि छोटे परिवार भी इसके दायरे में आ सकें।
उन्होंने कहा, “रूसी भारतीयों को प्यार करते हैं और कुछ भारतीय टीवी चैनल रूस में बहुत लोकप्रिय हैं।”
रूस में प्रति वर्ष लगभग दो करोड़ पर्यटक दुनिया भर से आते हैं। एशिया के अन्य देशों की तरह रूस में भी पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है।