Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 लोगों की नाराजगी दूर करने को मोदी के लिए जरूरी थी ‘कार्रवाई’ | dharmpath.com

Monday , 12 May 2025

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » भारत » लोगों की नाराजगी दूर करने को मोदी के लिए जरूरी थी ‘कार्रवाई’

लोगों की नाराजगी दूर करने को मोदी के लिए जरूरी थी ‘कार्रवाई’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश की जनता को यह दिखाने की जरूरत थी कि उन्होंने आम चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान जो भी ‘शेखियां’ बघारी थीं, वे यूं ही नहीं थीं और वह उन पर खरे उतर सकते हैं। उन्होंने नियंत्रण रेखा के पार गुरुवार को ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ को अनुमोदन देकर ऐसा ही किया, जिसमें सात आतंकवादी ‘लांच पैड्स’ को निशाना बनाने की बात कही गई और जिसके बारे में अधिकारियों ने बताया है कि इससे आतंकवादियों को ‘भारी नुकसान’ हुआ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश की जनता को यह दिखाने की जरूरत थी कि उन्होंने आम चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान जो भी ‘शेखियां’ बघारी थीं, वे यूं ही नहीं थीं और वह उन पर खरे उतर सकते हैं। उन्होंने नियंत्रण रेखा के पार गुरुवार को ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ को अनुमोदन देकर ऐसा ही किया, जिसमें सात आतंकवादी ‘लांच पैड्स’ को निशाना बनाने की बात कही गई और जिसके बारे में अधिकारियों ने बताया है कि इससे आतंकवादियों को ‘भारी नुकसान’ हुआ।

इसके क्या नतीजे होंगे, इस बारे में फिलहाल कुछ भी कहना मुश्किल है।

चुनाव प्रचार के समय से ही मोदी अपने पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का मजाक बनाते रहे। वह अक्सर आरोप लगाते रहे कि उनके पूर्ववर्ती ने पाकिस्तान की ओर से किए जाने वाले उल्लंघनों (अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर) का जवाब नहीं किया और यदि वह सत्ता में आते हैं तो ‘पाकिस्तान को सबक सिखाने’ के लिए सभी प्रोटोकॉल खत्म कर देंगे। इसी क्रम में उन्होंने ’56 इंच सीने’ की बात भी कही थी।

मोदी के सर्वाधिक करीबी सहयोगी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने तो यहां तक कहा था कि ‘यदि मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं तो एक चूहा भी एलओसी पार नहीं कर पाएगा।’ लेकिन, इस बीच एक चूहा तो छोड़िए, पाकिस्तान से और पाकिस्तान समर्थित कई घुसपैठ हुई और नियंत्रण रेखा से घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों ने सरकार तथा सुरक्षा प्रतिष्ठानों को ठेंगा दिखाते हुए भारत के सशस्त्र बलों के कर्मियों को निशाना बनाया।

पाकिस्तान को ‘माकूल जवाब’ देने के लिए मोदी सरकार हालांकि कई ‘विकल्पों’ पर विचार कर रही थी, लेकिन मोदी जानते थे कि देश की नाराज जनता, खास कर कट्टर रुख अपनाने वालों को, जिसमें उनकी दक्षिणपंथी पार्टी के सदस्य और वैचारिक संगठन भी शामिल हैं, इससे खुश नहीं किया जा सकता। इसके लिए सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक या आर्थिक कदमों के अतिरिक्त कुछ ताकत दिखाने वाली और प्रतिक्रियात्मक कार्रवाई भी करनी होगी। गुरुवार को नाटकीय तरीके से किए गए ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की घोषणा इसी संदर्भ में देखी जानी चाहिए।

भारत के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने हालांकि कहा कि अभियान रोक दिया गया है क्योंकि इच्छित लक्ष्य को हासिल कर लिया गया है, पर यह भारत तथा पाकिस्तान के बीच राजनीतिक व सैन्य तनाव को एक नई दिशा देता है। जनरल सिंह ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने पाकिस्तानी समकक्ष से बातकर उन्हें भारतीय कार्रवाई के बारे में जानकारी दी। इसका अर्थ यह हुआ कि सीमा पार तनाव नियंत्रण से बाहर न हो जाए, इसके लिए दोनों देशों की सेना के बीच हॉटलाइन का संचालन अभी जारी है।

मोदी ने गुरुवार को सुरक्षा पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उन्हें भारतीय अभियान की जानकारी दी गई और पाकिस्तानी आक्रमण, जिसमें भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हो गए थे, को दिए गए इस बहुप्रतीक्षित ‘माकूल जवाब’ को सार्वजनिक करने का निर्णय लिया गया।

पाकिस्तान ने हालांकि इस अभियान से न सिर्फ इनकार किया है, बल्कि इसे ‘फर्जी’ भी करार दिया है। पाकिस्तान की सेना ने भारत की ओर से ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ से इनकार करते हुए जोर देकर कहा कि जो कुछ भी हुआ, वह नियंत्रण रेखा के पार से किया गया संघर्ष विराम का उल्लंघन था, जिसमें उसके दो जवानों की जान गई। पाकिस्तान ने यह भी कहा कि ‘पाकिस्तान की सेना ने भारत की ओर से बिना किसी उकसावे के नियंत्रण रेखा पर भीमबेर, हॉटस्प्रिंग केल और लिपा सेक्टरों में की गई गोलीबारी पर उचित प्रतिक्रिया दी।’

भारत ने अपनी घोषणा में कहा है कि उसके अभियान से आतंकवादियों को ‘भारी नुकसान’ हुआ है। सरकार ने भारतीय पक्ष को इस अभियान के दौरान हुए किसी भी नुकसान के बारे में नहीं कहा है। भारतीय सेना ने यह कहते हुए अभियान को उचित ठहराया कि ‘पाकिस्तान से बार-बार अपील की गई कि वह अपनी जमीन को आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल न होने दे, पर इस दिशा में कुछ नहीं किया गया।’

भारत की इस घोषणा के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या इससे उस दक्षिण एशिया में तनाव खतरनाक स्तर तक बढ़ सकता है जहां देशों के बीच क्षेत्रीय सहयोग न्यूनतम स्तर पर है? इसमें कोई संदेह नहीं है कि परमाणु संपन्न दोनों पड़ोसी देशों के बीच जो कुछ भी हो रहा है, उससे पूरी दुनिया चिंतित है।

इसमें भी कोई संदेह नहीं है कि पाकिस्तान भी अपनी अवाम को खुश करने के लिए कुछ इसी तरह की कार्रवाई करने के बारे में सोचेगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारतीय घोषणा के तुरंत बाद कहा, “शांति की हमारी इच्छा को कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए।”

लोगों की नाराजगी दूर करने को मोदी के लिए जरूरी थी ‘कार्रवाई’ Reviewed by on . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश की जनता को यह दिखाने की जरूरत थी कि उन्होंने आम चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान जो भी 'शेखियां' बघारी थीं, वे यूं ही नहीं थीं औ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश की जनता को यह दिखाने की जरूरत थी कि उन्होंने आम चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान जो भी 'शेखियां' बघारी थीं, वे यूं ही नहीं थीं औ Rating:
scroll to top