नई दिल्ली, 30 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तम सिंह बॉलीवुड के ऐसे संगीतकार हैं, जिन्होंने अबतक सबकुछ उत्तम किया है। लेकिन मौजूदा दौर के संगीत से वह थोड़ा खिन्न हैं। वह कहते हैं कि गिरावट हर जगह आई है, संगीत, फिल्म, लेखन सभी में, और इस गिरावट के लिए वह प्रौद्योगिकी को जिम्मेदार मानते हैं।
नई दिल्ली, 30 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तम सिंह बॉलीवुड के ऐसे संगीतकार हैं, जिन्होंने अबतक सबकुछ उत्तम किया है। लेकिन मौजूदा दौर के संगीत से वह थोड़ा खिन्न हैं। वह कहते हैं कि गिरावट हर जगह आई है, संगीत, फिल्म, लेखन सभी में, और इस गिरावट के लिए वह प्रौद्योगिकी को जिम्मेदार मानते हैं।
उत्तम सिंह का नाम हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने लता मंगेशकर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार के लिए चुना है। महाराष्ट्र सरकार के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने लता मंगेशकर के जन्मदिन पर इस पुरस्कार के लिए उत्तम सिंह के नाम की घोषणा की। पुरस्कार स्वरूप उन्हें एक प्रशस्ति पत्र, एक ट्राफी और 500,000 रुपये नकद प्रदान किए जाएंगे।
उत्तम सिंह इस पुरस्कार को इस तरह महसूस करते हैं जैसे उन्हें उनकी मंजिल मिल गई है। उन्होंने कहा, “ऐसा लग रहा है जैसे संगीत यात्रा की मंजिल मिल गई।” लता जी के साथ बीते लम्हें अचानक उनकी जेहन में उतर आते हैं।
उन्होंने आईएएनएस के साथ खास बातचीत में कहा, “मैं उनका ड्राइवर भी रहा हूं, उनका खानसामा भी, उनका संगीतकार भी रहा हूं। ‘मैंने प्यार किया’ के दौरान उन्हें साथ लाता भी था और ले जाता भी था। हम साथ रिकॉर्डिग करते थे, खाना खाते थे फिर उन्हें घर छोड़ने जाता था। वे लम्हें कभी नहीं भूलने वाले हैं।”
उत्तम ने कहा, “लता जी के साथ ‘साई राम’ भजन की रिकॉर्डिग में बहुत मजा आया था। मैं उन्हें हमेशा सरस्वती दीदी कहता हूं। मुझे उन्होंने हमेशा प्यार दिया है।”
‘भोली-सी सूरज’, ‘मैं निकला गड्डी लेके’, ‘एहसान तेरा होगा’, ‘कबूतर जा जा’ जैसे खूबसूरत और लोकप्रिय गीत दे चुके उत्तम सिंह ने आज के संगीत पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा, “संगीत चल भी रहे हैं, हिट भी हो रहे हैं, अच्छे भी लगते हैं। मुझे भी कई संगीत अच्छे लगते हैं, लेकिन इनमें हल्की-सी कमी महसूस होती है।”
संगीत के बदले ट्रेंड के सवाल पर उन्होंने कहा, “ट्रेंड तो हर 10-15 साल के बाद बदलता है। इंसान को बदलाव चाहिए। लेकिन पहले के बदलाव में बेहतरी होती थी, अब जो बदलाव आए हैं, इससे संगीत, फिल्म, लेखन का स्तर बहुत नीचे आ गया है।”
उत्तम इस गिरावट के लिए प्रौद्योगिकी को जिम्मेदार मानते हैं। उन्होंने कहा, “यह समस्या प्रौद्योगिकी की वजह है, लेकिन जहां से प्रौद्योगिकी आई है, वहां इसका कोई असर नहीं है। वहां सबकुछ वैसा ही है, लेकिन हमारे यहां प्रौद्योगिकी ने हमारा ही इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।”
संगीत में ट्रेंड के साथ इसका ट्रेड (कारोबार) भी तेजी से बदला है। उत्तम कहते हैं, “मुझे लगता है कि इसी ट्रेड ने संगीत के ट्रेंड को बदल कर रख दिया है। सबकुछ बाजार के अनुसार हो चला है।”
उन्होंने कहा, “मेरे करीबी मित्र कमल मुकुट बड़े वितरक हैं। वह कहते हैं कि फिल्म उद्योग में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ, बस थोड़ा सा बदलाव है। पहले फिल्मों में सरस्वती थीं, अब लक्ष्मी का वास है।”
उत्तम कहते हैं कि “बदलाव कुछ इस तरह हो जैसे ‘दिल तो पागल है’, ‘गदर’, ‘पिंजर’, ‘दुश्मन’, ‘मैंने प्यार किया’ के संगीत ने पूरे फिल्म उद्योग का रुख बदल दिया था। यह बदलाव बेहद खूबसूरत था।”
लेकिन पिछले दो वर्षो के दौरान उत्तम की कोई फिल्म नहीं है। उन्होंने वर्ष 2013 में ‘रज्जो’ और 2014 में ‘ऑनर किलिंग’ के लिए संगीत दिया था। इस अंतराल के बारे में उन्होंने हंसते हुए कहा, “माफ कीजिए मुझे प्रचार नहीं आता। जो भी काम मेरे पास आता है, उसे करता हूं। फिलहाल मेरी दो-तीन फिल्में आने वाली हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “नए निर्देशक नए निर्माता के साथ काम कर रहा हूं। बड़े बजट की फिल्म नहीं है यह। इसका नाम अभी तय नहीं है, इसलिए अधिक चर्चा नहीं कर सकते।”
उत्तम ने जीवन और संगीत दोनों क्षेत्र में एक लंबी यात्रा तय की है। उन्होंने शुरुआत गुरुद्वारों में कीर्तन से की थी, फिर सगीतकारों के लिए वायलिन बजाया, संगीत अरेंजर के रूप में काम किया और अब संगीतकार के रूप में अपना लोहा मनवाया है। उत्तम हर जगह उत्तम रहे हैं। उन्होंने अपने इस लंबे सफर के बारे में कहा, “भगवान का शुक्रियादा करता हूं कि मेरी संगीत यात्रा बहुत खूबसूरत रही है। सबसे बड़ा आर्शीवाद रहा है कि मैंने सुनहरे दौर से काम शुरू किया और आज भी मैं सक्रिय हूं।”
उत्तम ने बतौर संगीतकार मनोज कुमार की फिल्म ‘पेंटर बाबू’ से शुरुआत की थी। वह कहते हैं, “पेंटर बाबू’ के गीत आज भी चल रहे हैं और पुराने गीतों को आज भी पसंद किया जा रहा है।”
संगीत को लेकर अपनी योजना के बारे में उन्होंने कहा, “इस समय संगीत में पहले वाली बात नहीं रही है। लय खत्म हो गई है, अच्छे शब्द खत्म हो गए हैं, तो मैं गीतों में लय, संजीदगी और गहराई लाने की कोशिश करूंगा।”
नए संगीतकारों के लिए उत्तम सिंह ने कहा, “नए लोग अच्छा काम कर रहे हैं। भगवान उन्हें अच्छा करने की बुद्धि और हिम्मत दें। लेकिन वे जो भी करें खुद का करने की कोशिश करें, क्योंकि चोरी का माल चोरी का होता है, वह ज्यादा दिन तक नहीं टिकता।”