श्रीनगर, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। कश्मीर घाटी दिन के समय एक बेचैन शांति के साए में रहती है। लेकिन, रात होते ही यह शांति सुरक्षा बलों के छापों के बाद एक डर में बदल जाती है। यह छापे उन युवाओं की तलाश में मारे जा रहे हैं जिन पर आतंकियों के किसी न किसी रूप में मददगार होने का या पत्थरबाजी और सड़क पर होने वाले प्रदर्शनों में शामिल होने का शक है।
श्रीनगर, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। कश्मीर घाटी दिन के समय एक बेचैन शांति के साए में रहती है। लेकिन, रात होते ही यह शांति सुरक्षा बलों के छापों के बाद एक डर में बदल जाती है। यह छापे उन युवाओं की तलाश में मारे जा रहे हैं जिन पर आतंकियों के किसी न किसी रूप में मददगार होने का या पत्थरबाजी और सड़क पर होने वाले प्रदर्शनों में शामिल होने का शक है।
कश्मीर घाटी रविवार को लगातार 86वें दिन बंद रही। हिंसा के केंद्र दक्षिण कश्मीर के कुछ इलाकों को छोड़कर घाटी में हालात सामान्य जैसे होते दिख रहे हैं। दक्षिण कश्मीर से भी बीते एक हफ्ते में हिंसा की कोई बड़ी खबर नहीं आई है। सड़क पर अधिक लोग और वाहन दिख रहे हैं।
दिन की यह शांति सूरज ढलने के साथ ही गायब होती नजर आती है।
यहां और दक्षिण कश्मीर के निवासियों ने बताया कि रात के समय सुरक्षा बलों के छापों की वजह से बड़ी संख्या में युवक अपने घर से कहीं और चले गए हैं।
कश्मीर के सभी हिस्सों में रात के समय पुलिस और अर्ध सैनिक बलों के संयुक्त छापे रोजमर्रा की बात हो गए हैं।
पुलिस उप महानिरक्षक नीतीश कुमार ने फोन पर आईएएनएस से कहा, “रात के समय छापे केवल कश्मीर में ही नहीं मारे जा रहे हैं। पूरे देश में ऐसा होता है। जब पुलिस को किसी अपराधी को पकड़ना होता है तो वह यह कदम उठाती है। और, हम सुबह, दोपहर, शाम और इसी तरह रात को भी छापे मार रहे हैं।”
कहा जा रहा है कि पुलिस ने कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों से हजारों युवाओं को गिरफ्तार किया है, लेकिन इस सिलसिले में कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।
दक्षिण कश्मीर के अचाबल इलाके के एक निवासी ने कहा कि पुलिस के लोग रात के वक्त सादे कपड़ों में आते हैं और जो कोई उनका विरोध करता है, उसके साथ खराब तरीके से पेश आते हैं।
कुमार ने पुलिस जुल्म के इन आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर पुलिस एक पेशेवर बल है। इस तरह के आरोप निराधार हैं।
कुलगाम के एक निवासी ने आईएएनएस को बताया कि सुरक्षा बलों ने उसके बेटे की तलाश में उसके घर पर छापा मारा।
उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “मेरा बेटा घर पर नहीं था। उन्होंने मुझसे दुर्व्यवहार किया और मुझे गिरफ्तार करना चाहा। पड़ोसियों के कड़े विरोध की वजह से पुलिस को लौटना पड़ा। मेरे पैर में चार टांके लगे हैं।”
सुरक्षा बलों के खौफ से कुलगाम के कई नौजवान अपने घरों से दूर रात गुजार रहे हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर में 3500, उत्तरी कश्मीर में 1500 और मध्य कश्मीर में 1000 युवा बीते हफ्तों में गिरफ्तार किए गए हैं।