बथानी के पुलिस उपाधीक्षक विद्यासागर ने आईएएनएस को बताया कि टेटुआ गांव निवासी निरंजन सुबह कूड़ा फेंकने घर से बाहर जा रहे थे कि तभी चाहरदीवारी में लगे लोहे की तार की चपेट में आ गए, जिसमें पहले से ही करंट प्रवाहित हो रहा था। इसके बाद उन्हें बचाने उनकी पत्नी आशा देवी और उनके बेटे आलोक कुमार वहां पहुंचे और वे भी करंट की चपेट में आ गए। घटनास्थल पर झुलसकर तीनों की मौत हो गई।
इस बीच घटना के विरोध में ग्रामीणों ने शव के साथ प्रदर्शन कर टेटुआ में सड़क जाम कर दिया। आक्रोशित लोग बिजली विभाग से खासे नाराज थे। मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया।
इधर, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार ने इस घटना की निंदा करते हुए विभाग के लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने तथा मृतक के परिजनों के आश्रितों को 25 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने की मांग की है।