नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) पर मधुकर गुप्ता कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक न करने पर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को पूछा कि सरकार रिपोर्ट को एक साल से दबाकर क्यों बैठी है।
आप ने यह भी कहा कि डीडीए पर रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से कहीं केंद्र सरकार को डर तो नहीं लग रहा।
आप के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “रिपोर्ट को सार्वजनिक न किए जाने से सवाल उठता है कि केंद्र सरकार आखिर क्यों एक साल से अधिक समय से मधुकर गुप्ता कमेटी की रिपोर्ट को छिपा रही है, जबकि नरेंद्र मोदी की सरकार ने इस कमेटी का गठन स्वयं किया था।”
दिल्ली विकास प्राधिकरण अधिनियम 1957 की पुन: समीक्षा व पुन: प्रारूपन करने के लिए पूर्व गृह सचिव मधुकर गुप्ता की अध्यक्षता में पांच-सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था।
चड्ढा ने कहा कि कमेटी ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को अक्टूबर 2015 में ही सौंप दी थी, लेकिन उसे अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है।
चड्ढा ने कहा, “क्या केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय इससे इनकार कर सकता है कि वह मधुकर गुप्ता रिपोर्ट को एक साल से अधिक समय से दबाकर बैठा है? इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से केंद्र सरकार डर क्यों रही है? इसकी सिफारिशों को लागू करने को लेकर मोदी सरकार का रुख क्या है?”
उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा, “क्या दिल्ली शहर में गंदगी के लिए डीडीए को जिम्मेदार ठहराया गया है? क्या डीडीए को केंद्रीय योजना प्राधिकार से अलग करने की सिफारिश की गई है? क्या रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि डीडीए को निर्वाचित दिल्ली सरकार के अधीन कर दिया जाना चाहिए?”
चड्ढा ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त कमेटी ने अपनी सिफारिश में कहा है कि डीडीए को दिल्ली सरकार के प्रति जवाबदेह होना चाहिए।
उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त, ‘दिल्ली 21’ (दिल्ली शहरी पर्यावरण व बुनियादी सुविधा सुधार परियोजना) की एक रिपोर्ट में डीडीए को दिल्ली सरकार के अंतर्गत लाने की सिफारिश की गई थी।”