चेन्नई, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने बुधवार को कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव ने मुख्यमंत्री जे. जयललिता के विभागों को उनकी सलाह पर वित्तमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम को दे दिया।
करुणानिधि ने यहां जारी एक बयान में कहा है कि जयललिता पिछले 19 दिनों से अस्पताल में हैं और उन्हें लंबे समय तक वहां रहने की सलाह दी गई है।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के राज्यपाल, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू सहित कई नेताओं को उन्हें यहां जिस अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं, वहां जाने पर जयललिता को देखने या मिलने नहीं दिया गया।
ऐसी स्थिति में राजभवन से बुधवार को जारी बयान में जयललिता की सलाह पर उनके विभाग किसी और को देने की बात आश्चर्यजनक है।
करुणानिधि ने यह भी कहा कि कोई भी इस संदेह को पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं कर सकता कि क्या तमिलनाडु के प्रभारी राज्यपाल विद्यासागर राव ने इतने कम समय में संविधान के विभिन्न प्रावधानों का विश्लेषण कर लिया।
राजभवन से मंगलवार को जारी बयान के अनुसार, राज्यपाल विद्यासागर राव ने संविधान के अनुच्छेद 166 के परिच्छेद-3 के अनुसार अब तक जो विभाग जयलतिलता के पास थे, उन्हें उनकी सलाह पर पन्नीरसेल्वम को आवंटित कर दिया है।
बयान में यह भी कहा गया है कि पन्नीरसेल्वम मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे।
मंगलवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एस. तिरुनावुक्कारासर ने विभागों के फिर से आवंटित करने पर प्रतिक्रिया जताई थी। उन्होंने आईएएनएस से कहा था, “यह सरकार का काम जारी रखने के लिए स्वागतयोग्य प्रगति है।”
यह स्थिति ठीक वैसी ही है, जैसी 1994 के अक्टूबर में अन्नाद्रमुक के संस्थापक एम.जी. रामचंद्रन उसी अपोलो अस्पताल में भर्ती हुए थे।
अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता सी. पोनैयम ने आईएएनएस से कहा कि तब एमजीआर के विभाग नेदुनछेजियन को दिए गए थे।
उन्होंने कहा, “नियमानुसार मुख्यमंत्री मौखिक रूप से अपने मंत्रिमंडल के किसी एक को या उससे अधिक सदस्य को विभागों के संचालन के लिए कह सकते हैं। यह व्यवस्था पूरे देश में प्रचलन में है।”
उनके अनुसार, उपमुख्यमंत्री पद का कोई प्रावधान नहीं है।
68 वर्षीय जयललिता गत 22 सितम्बर से ही अस्पताल में हैं। वह संक्रमणग्रस्त हैं और सहायता उपकरण से उन्हें सांस दी जा रही है।