शिमला, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों को राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित टिप्पणियों के प्रति सचेत किया।
शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा, “यह दुखद है कि प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री दोनों ने जानबूझकर भ्रामक बयान दिए और उन्होंने यह बताया कि तीन दशक में सीमा पार आतंकी हमले के खिलाफ भारतीय सेना ने पहली बार कार्रवाई की।”
शर्मा ने कहा कि इस तरह का कोई दावा भारतीय सेना की तौहीनी है, जिसने अतीत में इस तरह के सभी हमलों के खिलाफ दृढ़ता के साथ जवाबी कार्रवाई की थी।
कांग्रेस नेतृत्व वाले संप्रग का समर्थन करते हुए शर्मा ने कहा, “सशस्त्र बलों को जरूरत पड़ने पर प्रभावी प्रतिक्रिया की हमेशा आजादी थी और इसके लिए पूर्व सरकार की तरफ से पूरा समर्थन था।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री शर्मा ने कहा कि संप्रग सरकार ने अपनी बुद्धिमत्ता के कारण यह तय किया कि ऐसी सैन्य कार्रवाइयों का न तो राजनीतिक दावा किया जाए और न इसकी सार्वजनिक घोषणा की जाए।
शर्मा ने कहा, “रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर का बयान इस लिहाज से सेना के शहीदों का अपमान है, और उन शहीदों का भी जिन्होंने कारगिल में कुर्बानी दी थी।”
उन्होंने प्रधानमंत्री और सरकार से आग्रह किया कि संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए सशस्त्र बलों की कार्रवाई का राजनीतिकरण बंद किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी विफलता से जनता का ध्यान हटाने के लिए दुष्प्रचार में लगी हुई है।
शर्मा ने कहा, “मौजूदा वित्तवर्ष में कमजोर जीडीपी ने भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर गंभीर चिंता पैदा की है, जबकि सरकार ने आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने की कोशिश की है।”
देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर शर्मा ने कहा, “सरकार ने खुद 20 जुलाई, 2016 को संसद में कहा था कि भारत को 2015-16 में 40 अरब डॉलर एफडीआई प्राप्त हुआ है।”
उन्होंने कहा, “भारत को सर्वाधिक एफडीआई 46.56 अरब डॉलर 2011 में प्राप्त हुई थी।”
शर्मा ने कहा, “यह समान रूप से चिंता का विषय है कि पिछले दो वर्षो में प्राप्त सिर्फ 24 एफडीआई ही विनिर्माण के लिए रहे हैं, जबकि सेवा क्षेत्र के लिए 78 प्रतिशत एफडीआई रहा है।”