नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तीन अन्य दलों के नेताओं ने नोटबंदी के कारण ‘वित्तीय आपदा’ का सामना कर रहे लोगों की समस्याओं को देखते हुए बुधवार को राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।
उन्होंने यह भी कहा कि पूरे देश में नकदी की कमी की वजह से पैदा तनाव से अब तक कम से कम 20 लोगों की मौत हो चुकी है।
ममता बनर्जी ने 500 और 1000 रुपये की नोटबंदी के आदेश को वापस लेने के लिए तृणमूल कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस, शिव सेना और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रपति भवन मार्च का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा जब से नोटबंदी के आदेश की घोषणा हुई है, तनाव के कारण पूरे देश में 20-30 लोगों की मौत हो चुकी है।
उन्होंने कहा, “नरेंद्र मोदी ने इस फैसले को बिना कोई योजना बनाए लागू किया और इससे देश में वित्तीय विपदा तथा वित्तीय आपातकाल की स्थिति उत्पन्न हुई। देश को अराजकता की ओर ढकेल दिया गया। सरकार को सामान्य स्थिति बहाल करनी चाहिए।”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति मुखर्जी ने उन लोगों की बातें ध्यान से सुनीं और वे लोग उनसे ‘उचित कार्रवाई’ करने की उम्मीद कर रहे हैं।
नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने इस मार्च में भाग लिया। यह मार्च संसद भवन परिसर से शुरू हुआ था।