नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। लोकसभा बुधवार को दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई, क्योंकि विपक्षी पार्टियों ने स्थगन प्रस्ताव के तहत बहस की मांग को लेकर भारी हंगामा किया। इस प्रस्ताव के तहत मतविभाजन होता है। हालांकि सरकार ने विपक्ष की मांग मानने से इंकार कर दिया।
सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे जब फिर से शुरू हुई, तो महाजन ने विपक्षी और सत्तारूढ़ पार्टियों के सदस्यों को नोटबंदी के मुद्दे पर बोलने को कहा।
अधिकांश विपक्षी सदस्यों ने नियम 56 (स्थगन प्रस्ताव) के तहत बहस की मांग की। हालांकि बीजू जनता दल (बीजद) और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने कहा कि उन्होंने स्थगन नोटिस नहीं दिए हैं।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्ष बहस के लिए तैयार है और उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह उस मुद्दे पर बहस कराना नहीं चाहती है, जिससे देश भर में नकदी के लिए अफरा-तफरी मची हुई है।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री बाहर कहते हैं कि कुछ लोग काले धन का समर्थन कर रहे हैं..वे यहां चर्चा करना नहीं चाहते।”
तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि प्रधानमंत्री किसी एक पार्टी के नहीं होते, वे सभी के लिए होते हैं और उन्हें विपक्ष की बात सुननी चाहिए।
उन्होंने कहा, “करीब 300 सांसदों ने गांधी की प्रतिमा के पास धरना-प्रदर्शन किया। सरकार का यहां बहुमत है, अगर वोटिंग होगी, तो भी वह जीत जाएगी।”
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता पी. करुणाकरण ने शिवसेना का नाम लेते हुए कहा कि सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की भी कुछ पार्टियां नोटबंदी के खिलाफ हैं।
शिवसेना सांसद आनंदराव अडसुल ने इस पर कहा कि वे नोटबंदी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन पार्टी ने प्रधानमंत्री के समक्ष लोगों को हो रही परेशानी का मुद्दा उठाया है।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने हमें आश्वासन दिया है कि यह परेशानी दूर होगी।”
बीजद नेता भरतृहरि महताब और टीआरएस नेता ए.पी. जीतेंद्र रेड्डी ने कहा कि उनकी पार्टियों ने स्थगन नोटिस नहीं दिया, लेकिन वे भी बहस चाहते हैं। उन्होंने सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों से बहस होने देने का अनुरोध किया। उन्होंने नियम 193 के तहत बहस की मांग की।
शिरोमणि अकाली दल के प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने भी सरकार का समर्थन किया और कहा कि लोगों के कतारों में होने के बावजूद वह नोटबंदी का समर्थन करते हैं।
केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि देश नोटबंदी के फैसले के साथ है।
उन्होंने कहा, “चर्चा होने दीजिए..लोग चाहते हैं कि सदन में काम हो और इस मुद्दे पर चर्चा हो। पूरा देश प्रधानमंत्री के इस फैसले के साथ है।”
नायडू ने यह भी कहा कि स्थगन प्रस्ताव केवल आपात स्थिति में ही स्वीकार किया जाता है।
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सत्र की शुरुआत से सदन में कोई कामकाज नहीं हुआ है।
उन्होंने विपक्ष से चर्चा शुरू करने का अनुरोध किया।
सदस्यों का पक्ष सुनने के बाद हालांकि अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया, जिसके बाद विपक्षी पार्टियों ने जमकर शोर-शराबा किया।
उसके बाद शोर-शराबे के बीच सदन की कार्यवाही थोड़ी देर और चली, जिसके बाद विपक्षी सदस्यों के हंगामे को देखते हुए अध्यक्ष ने सदन को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया।
पहले विपक्ष ने बहस की मांग जारी रखी थी। सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद विपक्षी सदस्य अध्यक्ष के आसन के निकट चले आए थे।
मोदी लोकसभा में उपस्थित थे, जब सदन की कार्यवाही 11 बजे शुरू हुई।