नई दिल्ली, 14 फरवरी (आईएएनएस)। भारतीय स्टील जगत 17 फरवरी से यहां ‘मेक इन स्टील’ सम्मेलन का आयोजन कर रहा है, जिसमें इस सेक्टर के लिए चरणबद्ध तरीके से स्थायी विकास के उपायों पर चर्चा की जाएगी। ये उपाय घरेलू स्तर पर स्टील की खपत में तेजी लाने और चीन जैसे देशों से बढ़ते आयात पर अंकुश लगाने से संबंधित होंगे।
‘मेक इन स्टील’ सम्मेलन में स्टील निर्माता वैश्विक स्तर पर स्टील की बहुतायत, कीमतों में उतार-चढ़ाव, मुनाफे में कमी, कुकिंग कोल तथा निकेल के आयात की ऊंची कीमत और चीन, जापान एवं दक्षिण कोरिया जैसे देशों से सस्ते उत्पादों का बड़े पैमाने पर आयात के कारण प्रभावित हो रहे स्टील उद्योग और इससे जुड़ी चिंताओं पर भी विचार करेंगे।
केंद्रीय इस्पात मंत्रालय, जेएसडब्ल्यू स्टील, एस्सार स्टील, सेल और एनडीएमसी के सहयोग से आयोजित किए जा रहे इस सम्मेलन में चीन, जापान, ईरान तथा दक्षिण कोरिया सहित 15 से अधिक देशों के 300 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।
भारत इस वर्ष जापान को पछाड़ते हुए चीन के बाद कच्चे इस्पात का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश बनने की उम्मीद कर रहा है। देश में तैयार इस्पात की प्रति व्यक्ति खपत सिर्फ 62 किलोग्राम है जबकि दक्षिण कोरिया में प्रति व्यक्ति खपत 1113 किलो और चीन में प्रति व्यक्ति 488 किलोग्राम खपत है। वैश्विक अनुपात देखा जाए तो प्रति व्यक्ति खपत 208 किलोग्राम है।