नई दिल्ली, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार की योजना अगले तीन साल के भीतर व्यापक स्तर पर सड़कों पर बिजली से चलने वाले वाहन उतारने की है।
यहां कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) की सालाना बैठक के दौरान विद्युत, कोयला, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा तथा खदान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने यह बात कही।
मंत्री के मुताबिक, हमारा यह कदम साल 2030 तक पेट्रोल तथा डीजल कारों को चरणबद्ध तरीके से हटाने में केंद्र सरकार के प्रयासों का समर्थन करेगा।
गोयल ने कहा कि व्यापक स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहन उतारने के लिए केंद्र सरकार चार्जिग इंफ्रास्ट्रक्चर तथा बैट्री स्वैपिंग कार्यक्रम की शुरुआत करेगी।
केंद्र सरकार की ‘उदय’ योजना की तरफ मंत्री ने इशारा करते हुए कहा कि यह ‘केवल विद्युत वितरण कंपनियों की वित्तीय री-इंजीनियरिंग के बारे में नहीं है, बल्कि वित्तीय अनुशासन लाना है।’ जिस योजना की उन्होंने चर्चा की है, वह असक्षम विद्युत वितरण कंपनियों को मिलने वाले ऋण की अधिकतम सीमा तय करने में मदद करेगा।
मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से योजना में कोई वित्तीय उलझाव नहीं है और विद्युत वितरण कंपनियों को कोई सब्सिडी नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि देश में बिजली की मांग बीते वित्त वर्ष में 6.5 फीसदी बढ़ी है और भारत ने पहली बार क्षमता से अधिक बिजली का उत्पादन किया है।
मंत्री ने इस बात का खुलासा किया कि भारत ने बीते तीन साल में नवीकरणीय-आधारित उत्पादन क्षमता में 370 फीसदी की वृद्धि देखी है।
मंत्री ने कहा कि पूरी तरह से व्यवस्थित तथा पारदर्शी प्रतिस्पर्धात्मक बोली प्रक्रिया ने सौर तथा पवन चक्की ऊर्जा की कीमतें तीन रुपये प्रति यूनिट से भी कम की हैं और केंद्र सरकार का उद्देश्य तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मुहैया कराना है, चाहे विद्युत के उत्पादन का स्रोत कुछ भी हो।