नई दिल्ली, 22 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 10 करोड़ रुपये का मानहानि का दूसरा मुकदमा दायर किया।
जेटली ने यह मुकदमा केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी द्वारा उनके लिए ‘धूर्त’ शब्द के इस्तेमाल को लेकर किया है।
जेटली ने दावा किया कि इस आपत्तिजनक शब्द से उन्हें स्थायी नुकसान और बदनामी हो सकती है।
जेटली द्वारा 2015 में दायर मुख्यमंत्री केजरीवाल व आम आदमी पार्टी के पांच अन्य नेताओं के खिलाफ चल रहे डीडीसीए मानहानि मामले से यह अलग है।
जेटली और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी के बीच 17 मई को डीडीसीए मानहानि मामले में अदालत में जेठमलानी द्वारा इस्तेमाल किए गए ‘धूर्त’ शब्द को लेकर तीखी नोकझोक हो गई थी।
जेटली ने अपनी नई याचिका में कहा है, “प्रतिवादी (केजरीवाल) की तरफ से बहस के दौरान वादी (जेटली ) कई तरह के सवाल, शब्दों/बयानों का इस्तेमाल किया गया जो अपमानजनक , दुर्भावनापूर्ण, आक्रामक, अप्रासंगिक व निंदात्मक हैं।”
इस याचिका में कहा गया, “केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ने जेटली को धूर्त बताया। यह बयान न सिर्फ झूठा, मनगढं़त, द्वेषपूर्ण व अपमानजनक है बल्कि, मानहानिकारक है।”
जिरह के दौरान जेठमलानी ने कहा, “मैं दिखाने की मंशा रखता हूं कि यह आदमी (जेटली) एक धूर्त है।” इस पर जेटली ने कड़ा एतराज जताया था। जेटली ने जेठमलानी से पूछा था कि ‘धूर्त’ शब्द उनके द्वारा व्यक्तिगत तौर पर इस्तेमाल किया गया या केजरीवाल के निर्देश पर।
इस पर जेठमलानी ने कहा कि यह उनके मुवक्किल (केजरीवाल) के निर्देश पर इस्तेमाल किया गया।
जेटली ने तब भारी हर्जाना मांगने की धमकी दी थी।
जेठमलानी द्वारा यह कहने के बाद कि वह अपनी बात साबित करना चाहते है कि केंद्रीय मंत्री धूर्त हैं, जेटली ने कहा, “मैं प्रतिवादी (केजरीवाल) के खिलाफ आरोपों को और गंभीर करूंगा.. व्यक्तिगत द्वेष की भी कोई सीमा होती है।”
जेटली के वकील ने जेठमलानी द्वारा मंत्री को ‘अपराध का दोषी व धूर्त’ कहने पर आपत्ति जताई थी।
हालांकि, केजरीवाल की तरफ से उनके अधिकृत वकील ने यह कहा है कि जेठमलानी को मुवक्किल (केजरीवाल) के तरफ से इस शब्द को जेटली के खिलाफ इस्तेमाल करने का निर्देश नहीं दिया गया था।
नए दाखिल किए गए मानहानि याचिका में कहा गया, “जेठमलानी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्होंने अपने मुवक्किल के कहने पर धूर्त शब्द का इस्तेमाल किया, अर्थात केजरीवाल के निर्देश पर। उन्होंने आगे स्पष्ट रूप से कहा है कि यह निर्देश उन्हें केजरीवाल के साथ बैठक में मिला था। जेठमलानी ने आगे कहा कि यह बैठक केजरीवाल के साथ उनके अधिकृत वकील (पहले के मानहानि मामले में) की अनुपस्थिति में हुई थी।”
इसमें कहा गया, साफ तौर पर केजरीवाल द्वारा ढिठाई से द्वेषपूर्ण भावना से जेटली की प्रतिष्ठा, विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाने के लिए धूर्त शब्दावली का इस्तेमाल किया गया।
जेटली ने दिसंबर 2015 में केजरीवाल और आप के नेताओं कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्ढा व दीपक बाजपेयी पर डीडीसीए से जुड़े मामले में उन पर ‘झूठा व मानहानिकारक’ बयान देने का दावा करते हुए मानहानि का मामला दायर किया। जेटली ने कहा कि इनके बयान से उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है।
जेटली ने केजरीवाल और आप के अन्य नेताओं से डीडीसीएम मामले में भी दस करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की है।
जेटली ने दावा किया कि आप नेताओं ने उन पर दिल्ली क्रिकेट एसोसिएशन में अनियमितताओं व वित्तीय घोटाले करने का आरोप लगाया जिसके वह करीब 13 साल अध्यक्ष रहे हैं।