पटना, 19 जून (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह द्वारा सोमवार को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा के तरीके पर बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने आपत्ति जताई है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और जन अधिकार पार्टी के संरक्षक सांसद पप्पू यादव ने राजग के फैसले का स्वागत किया है।
राजद के प्रवक्ता मनोज झा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि कई सप्ताहों की लुकाछिपी और आम सहमति के तमाशे को धता बताते हुए भाजपा ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की सोमवार को घोषणा कर दी।
उन्होंने बयान जारी कर कहा, “एकतरफा घोषणा करने के तौर-तरीके ने एक बार फिर यह स्थापित कर दिया है कि भाजपा संवैधानिक पदों पर की नियुक्ति के संदर्भ में भी अहंकार के प्रदर्शन से बाज नहीं आती।”
झा ने कहा कि संयुक्त विपक्ष राष्ट्रपति पद के चुनाव के संदर्भ में 22 जून की बैठक में समुचित निर्णय लेगा। उन्होंने कहा, “पहले से कहीं ज्यादा आज हमें इस पद पर एक ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता है, जिसकी सोच और मिजाज समावेशी हो। अवाम को लगे कि संवैधानिक मूल्य और परंपराएं महफूज रहेंगी।”
इधर, पूर्व मुख्यमंत्री और राजग के घटक हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने कोविंद को बधाई देते हुए अमित शाह और भाजपा के फैसले का स्वागत किया है। मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को भी राजनीति से परे हटकर कोविंद का समर्थन करना चाहिए।
सांसद राजीव रंजन उर्फ पप्पू यादव ने राष्ट्रपति के उम्मीदवार के रूप में बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि कोविंद एक सुलझे हुए व्यक्ति हैं और उनकी छवि बेदाग रही है। उनका लंबा संसदीय जीवन भी रहा है।
भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को दिल्ली में तमाम कयासों को दरकिनार करते हुए राजग की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर बिहार के राज्यपाल कोविंद के नाम की घोषणा की। शाह को लगता है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा से ओतप्रोत दलित चेहरा कोविंद को देश का शीर्ष पद दिए जाने से भाजपा को दलितों के बीच पैठ बनाने में आसानी होगी।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 17 जुलाई को मतदान होना है। नतीजा 20 जुलाई को घोषित होगा। वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त होने जा रहा है।