बांदा, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में बांदा जिले की सरकारी अस्पताल में तैनात चिकित्सक सुधरने का नाम नहीं ले रहे। इलाज के अभाव में गुरुवार को एक बच्चे की मौत के मामले की अभी जांच रिपोर्ट भी नहीं आई कि शुक्रवार को अस्पताल के चिकित्सकों ने एक गंभीर रूप से घायल महिला का इलाज करने से मना कर दिया। बाद में एसपी के हस्ताक्षेप से सीएमओ की मौजूदगी में इलाज शुरू हुआ।
पुलिस अधीक्षक शालिनी ने बताया कि गुरुवार की शाम बबेरू क्षेत्र के अहार की महिला विद्या (32) को उसके पति ने शराब के नशे पहले बुरी तरह से मारा-पीटा बाद में मकान की छत से नीचे फेंक दिया, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गई, लेकिन हालत देखते हुए वहां के चिकित्सकों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन चिकित्सकों ने पुलिस की मौजूदगी में यह कहते हुए मना कर दिया कि पुलिस केस करेगी तो इलाज नहीं होगा।
उन्होंने बताया कि इलाज न करने की सूचना उन्हें महिला के साथ आए पुलिसकर्मियों ने दी। तब वह खुद जिला अस्पताल पहुंचकर मुख्य चिकित्सक अधीक्षक (सीएमओ) को सूचित कर अस्पताल बुलवाया, तब जाकर महिला का इलाज संभव हो सका।
गौरतलब है कि गुरुवार को बुखार से पीड़ित 11 साल के बच्चे का इलाज भी नहीं किया गया, जिससे उसकी अस्पताल पर ही हो गई थी। इस मामले में जिलाधिकारी दिव्य प्रकाश ने शुक्रवार को ही सिटी मजिस्ट्रेट और एक चिकित्सक की संयुक्त जांच समिति का गठन किया है, फिर भी जिला अस्पताल के चिकित्सक सुधरने का नाम नहीं ले रहे।