मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), मजदूर संगठन सीटू और भाकपा (माले) के कार्यकर्ता 10 बजे नोएडा के सेक्टर-8 स्थित माकपा कार्यालय पर इकट्ठा हुए और मोदी सरकार की अर्थी व पुतले के साथ बांसबल्ली मार्केट में जुलूस निकाला जो हरौला, लेबर चौक, नयाबांस, रजनीगंधा चौराहा, अट्टा पीर, अट्टा मार्केट, सेक्टर-27 व सेक्टर-29 होते हुए सेक्टर-10 में संपन्न हुआ।
मोदी सरकार की अर्थी व पुतले को पुलिस के अनुरोध पर नयाबांस लालबत्ती पर ही दाह-संस्कार व क्रियाकर्म के लिए सौंप दिया गया।
जुलूस के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए माकपा नेता गंगेश्वर दत्त शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा आम जनता के ऊपर अभूतपूर्व आर्थिक बोझ डाला जा रहा है। पेट्रोलियम उत्पादों में घातक वृद्धि से करोड़ों भारतीयों के जीवन पर भारी कुप्रभाव पड़ रहा है। एक ओर किसान कृषि संकट के तले कराह रहे हैं, उनका उत्पादन खर्च और भी बढ़ गया है। दूसरी ओर इस मूल्य वृद्धि ने सभी क्षेत्रों में मुद्रास्फीति को बढ़ा दिया है जिसके चलते आर्थिक मंदी बढ़ गई है और रोजगार के अवसर घटते जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय रुपये के मूल्य में अभूतपूर्व गिरावट मोदी सरकार द्वारा लागू की गई नीतियों के चलते गहरे आर्थिक संकट को दर्शा रही है। इस प्रकार लोगों पर आर्थिक हमला इस मोदी सरकार के द्वारा अनैतिक सांप्रदायिक तानाशाही हमलों में सबसे ऊपर है।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए माकपा (नोएडा) के सचिव मदन प्रसाद ने कहा कि जहां किसान देशभर में मोदी सरकार के वादे के अनुसार समर्थन मूल्य और ऋणमाफी की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांग को मानने को तैयार नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों से जनता कराह रही है और पेट्रोलियम पदार्थों में हो रही वृद्धि ने आम जनता को हिलाकर रख दिया है। उन्होंने सरकार से मांग की कि पेट्रोल, डीजल, गैस के दाम बढ़ाकर जनता के पैसे लूटना बंद करे और अपने वादे के अनुसार दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा पूरा करे। किसानों को लागत का डेढ़ गुना दाम तथा सभी कर्ज माफ करे।
प्रसाद ने कहा, “यदि सरकार ने मूल्यवृद्धि वापस नहीं ली तो हम आगे और भी बड़ा आंदोलन करेंगे।”
प्रदर्शन/जुलूस का नेतृत्व मदन प्रसाद, गंगेश्वर दत्त शर्मा, राम सागर, भरत डेंजर, भीखू प्रसाद, आशा यादव, नरेंद्र पांडे, मिथलेश गुप्ता, विजय गुप्ता, ददन सिंह, हरिकिशन, आलम, गामा, राजकरन, सीमा देवी आदि ने किया।