नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस के अवसर पर मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पटपड़गंज ने रोशनी ट्रस्ट के सहयोग से दो अक्टूबर 2018 को बुजुर्ग दिवस मनाया। इस अवसर पर बुजुर्गो के लिए कई मजेदार खेलों और गतिविधियों का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में आईपी एक्सटेंशन और आसपास के क्षेत्रों से 250 से अधिक लोगों ने भाग लिया। इसके तहत दौड़, चम्मच दौड़ और जुम्बा सत्र जैसी गतिविधियां की गईं जिसमें प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। विभिन्न श्रेणियों में विजेताओं को सम्मानित भी किया गया।
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पटपड़गंज के मनोचिकित्सा के विभागाध्यक्ष डॉ. राज कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “यह बुजुर्गो को एक साथ लाने और विभिन्न योजनाबद्ध गतिविधियों के माध्यम से उनके आनंद लेने का अवसर था। परिवार के सदस्य भी उनका समर्थन करने और उन्हें उत्साहित करने के लिए गतिविधियों में शामिल हो गए। बुजुर्ग समाज में जो भूमिका निभाते हैं, उनके लिए वे सम्मान और स्वीकृति के पात्र हैं। समाज में इस तरह की मजबूत व्यवस्थाएं होनी चाहिएं ताकि वरिष्ठ नागरिक अच्छी तरह से सुरक्षित हों और उनकी देखभाल की जा सके और उनकी जरूरतों को सही तरीके से पूरा किया जा सके।”
भारत में आने वाले सालों में बुजुर्ग आबादी की संख्या में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिसके विकासशील देशों में तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। विशव स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) 2016 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 12 करोड़ से अधिक लोग 60 वर्ष से अधिक उम्र के हैं और इस आबादी का लगभग छह प्रतिशत किसी न किसी प्रकार के बड़े दुर्व्यवहार का शिकार है और ऐसी कई घटनाएं अभी भी दर्ज नहीं की जाती हैं।
इसके अलावा, बुजुर्ग आबादी में अकेलापन और अवसाद की भी अधिक संभावना होती है। और ये लक्षण हर पहलू में उनके जीवन पर दुष्प्रभाव डाल सकते हैं। अवसाद के लक्षणों को नहीं पहचान पाने और दिमाग में किसी तरह की मदद नहीं लेने की बात बिठा लेने के कारण, जो कि उनकी उम्र बढ़ने का एक हिस्सा हो सकता है, बुजुर्गों के लिए जटिलता बढ़ जाती है। नियमित अंतराल पर ऐसी गतिविधियां में हिस्सा लेने और सामाजिक होने पर उन्हें अवसाद से दूर रखने में मदद मिलती है।