श्रीनगर/जम्मू, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। जम्मू एवं कश्मीर में सोमवार से शुरू हो रहे नगर निगम चुनाव से पहले रविवार को राज्य भर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस ने इस बात की जानकारी दी। चुनाव चार चरणों में होना है।
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 400 अतिरिक्त कंपनियां पहले ही यहां पहुंच चुकी हैं, ताकि चुनाव प्रक्रिया के लिए सुरक्षित माहौल मुहैया कराने हेतु तैनात सुरक्षा बलों को अतिरिक्त मजबूती दी जा सके।
श्रीनगर में रविवार को असाधारण सुरक्षा इंतजाम देखने को मिले, जहां नगर निमग के तीन वार्डो में मतदान होने हैं।
शहर में शनिवार और रविवार को विभिन्न जांच चौकियों पर समुचित दस्तावेज न होने या बाइकसवारों द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन किए जाने पर पुलिस ने कई मोटरसाइकिलें जब्त कर ली।
शहर में प्रवेश करने वाले सबी वाहनों की जांच की जा रही है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह अभियान खासतौर से क्षेत्र में सुरक्षा का माहौल बनाने के लिए है, ताकि बदमाशों को चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने से रोका जा सके।
चुनाव में खड़े सभी उम्मीदवारों को प्रशासन की तरफ से सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है।
अधिकारी ने कहा, “मतदान बूथों के आसपास के इलाकों को साफ-सुथरा बनाया गया है, ताकि कल (सोमवार) स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराया जा सके।”
जहां मतदान होने हैं, उन इलाकों में खुफिया सुरक्षा को मजबूत करने के लिए हाई-टेक विद्युत निगरानी उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
श्रीनगर शहर के तीन नगर पालिका वाडरें के अलावा, कश्मीर घाटी के कुपवाड़ा, हंदवाड़ा, बांदीपोरा, बारामूला, चाडूरा, बड़गाम, खानसाहिब, अचबल, देवसर, कोकरनाग, काजीगुंड और कुलगाम नगरपालिका समितियों और लद्दाख के लेह एवं कारगिल क्षेत्र में सोमवार को मतदान होने हैं।
वहीं जम्मू क्षेत्र के बिश्नाह, अरनिया, आर.एस. पुरा, अखनूर, खौर, जुरियन, राजौरी, थानामांडी, नौशेरा, कालाकोटा, सुंदरबनी, पुंछ और सुरनकोट की नगरपालिका समितियों के लिए भी सोमवार को मतदान होंगे।
इसके अलावा, जम्मू नगर निगम के वार्डो के लिए भी मतदान होने हैं।
राज्यपाल नीत राज्य प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती मतदाताओं के लिए सुरक्षा सुनिश्चित कराने की है।
नेशनल कांफ्रेंस (एनसी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), हाकिम यासीन के नेतृत्व वाले पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) और गुलाम हसन मीर की अध्यक्षता वाली डेमोक्रेटिक पार्टी नेशनलिस्ट (डीपीएन) समेत मुख्य राजनीतिक दलों ने इन चुनावों से अलग रहने का फैसला किया है।
अलगाववादियों ने लोगों से चुनाव प्रक्रिया में भागीदारी नहीं करने की अपील की है और पूरे घाटी में बंद की भी घोषणा की है।