सबरीमाला, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। सबरीमाला मंदिर में शनिवार को तमिलनाडु की एक महिला को शुरुआती विरोध के बाद प्रवेश करने दिया गया। पुजारियों को संदेह था कि महिला की आयु 50 वर्ष से कम है।
सर्वोच्च न्यायालय ने 28 सितंबर को आदेश दिया था कि 10 से 50 वर्ष उम्र की महिलाओं को अय्यप्पा के मंदिर में प्रवेश पर वर्षो से लगा प्रतिबंध खत्म करते हुए हर आयु वर्ग की महिलाओं को भगवान अय्यप्पा की पूजा करने दिया जाए।
अपने पति और बेटे के साथ मंदिर में पूजा करने आई महिला लता जब मंदिर की 18 सीढ़ियों पर चढ़ने ही वाली थी, तभी प्रदर्शनकारियों ने उन्हें रोक दिया। लता ने अपन उम्र 52 साल बताई, लेकिन प्रदर्शनकारियों को उसकी उम्र 50 वर्ष से कम होने का संदेह था।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता के.सुरेंद्रन और अन्य लोगों के हस्तक्षेप के बाद ही पुजारियों ने लता का पहचानपत्र जांचकर उन्हें मंदिर में जाने की अनुमति दी।
इसी बीच एक श्रद्धालु मंजु (38) ने भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार मंदिर में प्रवेश की अनुमति दिलाने का आग्रह किया।
मंजु ‘केरल दलित महिला फेडरेशन’ की अध्यक्ष हैं। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें खतरे के बारे में आगाह किया। प्रशासन निर्णय नहीं ले सका कि वह मंजु के मंदिर में प्रवेश करने में मदद कर सकता है या नहीं।