नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य सरकार को 500 बसें खरीदने की अनुमति दे दी है।
ये 500 बसें शहर के बाहरी इलाकों में चलेंगी, जहां सड़कों की हालत खराब है।
मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव की पीठ ने हालांकि, यह भी कहा कि इन बसों में हाइड्रोलिक लिफ्ट होनी चाहिए, ताकि विकलांग लोगों को बसों में चढ़ने-उतरने में मदद मिले।
अदालत ने एक विकलांग व्यक्ति निपुन मल्होत्रा की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने बसें खरीदने के सरकार के फैसले का विरोध किया था।
निपुन ने कहा था कि स्टैंडर्ड फ्लोर बसें विकलांग लोगों की सहूलियत के मुताबिक नहीं होती हैं, क्योंकि उनकी ऊंचाई से विकलांगों को उन बसों में चढ़ने में समस्या होती है।
इस मामले पर निपुन के वकील जय दहाद्राय ने कहा कि वह इस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।
सर्वोच्च न्यायालय ने दो अगस्त को अपने अंतरिम आदेश में दिल्ली सरकार को 1,000 प्रस्तावित बसों में से 500 स्टैंडर्ड बसें खरीदने की अनुमति दी थी, ताकि शहर में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था की स्थिति में सुधार हो सके।
शीर्ष अदालत ने इसके बाद बाकी बची 500 बसें खरीदने के मामले पर फैसला लेने कार्य उच्च न्यायालय पर छोड़ दिया था।
सरकार ने कहा है कि मौजूदा सार्वजनिक परिवहन की उपलब्धि विशेष रूप से ग्रामीण मार्गों पर बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता पर विचार करते हुए यह फैसला किया गया है।