नई दिल्ली, 22 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस द्वारा इस सप्ताह कारपोरेट जासूसी मामले में की गई सनसनीखेज गिरफ्तारी के बाद उद्योग संघ एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ऑफ इंडिया ने रविवार को फिर से मांग की कि सरकार और उद्योग के संबंध में पारदर्शिता लाने के लिए लॉबिंग को वैधता प्रदान किया जाए।
एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने यहां एक बयान जारी कर कहा, “प्रत्येक देशी और बहुराष्ट्रीय कंपनी को लॉबिंग समूह में शामिल होने का अधिकार होना चाहिए, ताकि वे फैसला लेने वाले अधिकारी को अपना पक्ष समझाने की कोशिश कर सकें। लॉबिंग को गंदा शब्द नहीं समझा जाना चाहिए।”
एसोचैम ने कहा कि कारपोरेट जासूसी से मुक्ति पाने का एकमात्र रास्ता है पूर्ण पारदर्शिता और निर्णय निर्माण प्रक्रिया के चारों ओर खड़ी की गई गोपनीयता की दीवार को गिरा देना।
कुछ महीने पहले सभी चैंबर ने यही मांग उठाई थी।
एसोचैम ने कहा था, “अमेरिका की तरह हमें लॉबिंग को वैध बना देना चाहिए और पारदर्शिता के सभी नियम लागू करना चाहिए। एक प्रतियोगी बाजार में परस्पर विरोधी हित वाले कारोबारियों में नीति में स्थान पाने के लिए टकराव होना निश्चित है।”
उल्लेखनीय है कि सरकार ने दिसंबर 2012 में अमेरिकी कंपनी वालमार्ट द्वारा भारतीय रिटेल बाजार में प्रवेश करने के लिए की गई कथित लॉबिंग की जांच का आदेश दिया था।
पेट्रोलियम मंत्रालय के दस्तावेजों की चोरी पर पुलिस में दर्ज की गई प्राथमिकी के मुताबिक जिन दस्तावेजों की चोरी हुई है, उनमें आगामी बजट से संबंधित सूचनाएं और प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखा गया एक पत्र शामिल है।
पुलिस ने कहा, “चोरी किए गए दस्तावेज बिजली और कोयला मंत्रालय से भी संबंधित हैं।”