Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 बस्तर के असील मुर्गा का वजूद खतरे में! | dharmpath.com

Saturday , 10 May 2025

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » धर्मंपथ » बस्तर के असील मुर्गा का वजूद खतरे में!

बस्तर के असील मुर्गा का वजूद खतरे में!

रायपुर, 13 मार्च (आईएएनएस)। देशभर में लड़ाकू मुर्गा के नाम से चर्चित असील प्रजाति के मुर्गे की 12 उप प्रजातियां बस्तर में हैं, इसलिए देश का एकमात्र असील संवर्धन केंद्र 1980 के दशक में छत्तीसगढ़ के जगदलपुर कुक्कुट पालन केंद्र में स्थापित किया गया था, लेकिन बर्ड फ्लू और मुर्गा लड़ाई की वजह से आज इसका अस्तित्व खतरे में है।

रायपुर, 13 मार्च (आईएएनएस)। देशभर में लड़ाकू मुर्गा के नाम से चर्चित असील प्रजाति के मुर्गे की 12 उप प्रजातियां बस्तर में हैं, इसलिए देश का एकमात्र असील संवर्धन केंद्र 1980 के दशक में छत्तीसगढ़ के जगदलपुर कुक्कुट पालन केंद्र में स्थापित किया गया था, लेकिन बर्ड फ्लू और मुर्गा लड़ाई की वजह से आज इसका अस्तित्व खतरे में है।

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर में तेजी से खत्म हो रहे असील प्रजाति के मुर्गो को बचाने के लिए पहल तेज हो गई है। पशुधन विकास विभाग ने जगदलपुर में स्थापित देश के एकमात्र असील उत्पादन केंद्र को पुन: शुरू करने के लिए लाखों रुपये की मांग की है, वहीं ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे मुर्गा लड़ाई में इसका उपयोग न करें।

इधर पुलिस प्रशासन से मांग की गई है कि नगरीय क्षेत्रों के आस-पास भरने वाले मुर्गी बाजारों को बंद कराएं। चूंकि दांव के नाम पर यहीं ज्यादा मुर्गे मारे जाते हैं, इसलिए परंपरागत मुर्गा बाजार अब जुआ बाजार के रूप में विकसित हो गए हैं। अब फिर से पशु चिकित्सा विभाग इसको लेकर चिंतित दिखाई दे रहा है।

इस संबंध में पशुधन विकास विभाग की संयुक्त संचालक अंजना नायडू का कहना है कि असील प्रोजेक्ट के लिए विभाग को स्मरणपत्र दिया गया है। वहीं ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे मुर्गा लड़ाई के दौरान मुर्गो के पैरों में धारदार काती न बांधें। काती के कारण ही सैकड़ों मुर्गे असमय मारे जाते हैं।

डेढ़ साल पहले शहर में फैले बर्ड फ्लू के कारण कुक्कुट पालन केंद्र के सैकड़ों असील मुर्गा-मुर्गियों को मारकर जलाया गया था।

रायपुर के पशु चिकित्सक डॉ. पदम बाफना का कहना है कि जगदलपुर के आस-पास के मुर्गा बाजार अब जुआ अड्डा में तब्दील हो चुके हैं। काती के कारण सैकड़ों असील मुर्गो के बीच खूनी लड़ाई होने लगी है, लोग लाखों का दांव लगाते हैं। वहीं शराब, सल्फी, जैसे मादक पेय खुले आम बिकने लगे हैं।

उन्होंने कहा कि ओडिशा से आए कुछ लोग मुर्गा बाजारों खिड़खिड़ी नामक जुआ कराते हैं, इसलिए नगरीय क्षेत्र के आस-पास के मुर्गा बाजारों को तत्काल बंद करवा देना चाहिए। ऐसा कर काफी हद तक असील मुर्गो को असमय मरने से रोका जा सकता है।

बताया जा रहा है कि संवर्धन केंद्र में फिर से असील उत्पादन शुरू किया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए राजधानी रायपुर स्थित पशुधन विकास विभाग को साढ़े पांच लाख का प्रोजेक्ट भेजा गया है, परंतु इस प्रोजेक्ट को अब तक स्वीकृति नहीं मिली है।

बस्तर के असील मुर्गा का वजूद खतरे में! Reviewed by on . रायपुर, 13 मार्च (आईएएनएस)। देशभर में लड़ाकू मुर्गा के नाम से चर्चित असील प्रजाति के मुर्गे की 12 उप प्रजातियां बस्तर में हैं, इसलिए देश का एकमात्र असील संवर्धन रायपुर, 13 मार्च (आईएएनएस)। देशभर में लड़ाकू मुर्गा के नाम से चर्चित असील प्रजाति के मुर्गे की 12 उप प्रजातियां बस्तर में हैं, इसलिए देश का एकमात्र असील संवर्धन Rating:
scroll to top