चंडीगढ़, 2 अप्रैल (आईएएनएस)। हरियाणा सरकार द्वारा अचानक से तबादला किए जाने के एक दिन बाद हरियाणा कैडर के वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी अशोक खेमका ने गुरुवार को ट्वीट किया कि यह कार्रवाई पीड़ादायक है।
खेमका ने अपने ट्वीट में कहा, “तमाम कमियों के बावजूद मैंने परिवहन विभाग को भ्रष्टाचार मुक्त करने और बदलाव लाने की कोशिश की। ये क्षण मेरे लिए बहुत तकलीफदेह है।”
खट्टर सरकार ने खेमका को बुधवार को एक बार फिर महत्वहीन पद दिया है। खेमका की 24 साल की नौकरी के दौरान यह उनका 46वां तबादला है।
हरियाणा में स्पष्टवादी नेता की छवि रखने वाले और खट्टर सरकार में स्वास्थ्य और खेल मंत्री अनिल विज खेमका के समर्थन में आए हैं। उन्होंने कहा कि वह खेमका के अचानक से किए गए तबादले के बारे में मुख्यमंत्री से बात करेंगे।
खेमका के तबादले को हरियाणा के शक्तिशाली ट्रांसपोर्टरों की लॉबी से जोड़ा जा रहा है, जिनके लिए खेमका ने कुछ सख्त फैसले लिए थे।
खेमका के नेतृत्व में हरियाणा के परिवहन विभाग ने हाल ही में लंबी ढांचे वाले ट्रेलरों को बिना अनुमति के चलाने पर रोक लगा दी थी।
विभाग ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी की थी जिसमें कहा गया था कि सभी भारी वाहनों को सड़कों पर परिचालन के लिए फिटनेस प्रमाण पत्र लेने से पहले वाहनों के आयामों पर नए मानदंडों का पालन करना होगा।
हरियाणा में तकरीबन 3.5 लाख वाणिज्यिक वाहन चलते हैं।
आईआईटी खड़गपुर से स्नातक खेमका को नए आदेश के मुताबिक पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के सचिव और महानिदेशक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस पद को वस्तुत: ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं माना जाता है।
पिछले साल मनोहर लाल खट्टर द्वारा मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद उन्हें परिवहन विभाग का परिवहन आयुक्त और सचिव नियुक्त किया गया था।
खेमका ने केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की करोड़ों रुपयों के भूमि सौदे का खुलासा किया था।
ऐसी उम्मीद थी कि राज्य में पहली बार सत्ता में आई नई सरकार उन्हें कोई महत्वपूर्ण ेदेगी लेकिन उनकी नियुक्ति परिवहन विभाग में कर दी गई थी।