पटना, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। बिहार में नियोजित शिक्षक अपनी मांगों को लेकर गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। इस कारण राजकीय स्कूलों में तालाबंदी रही। हड़ताल के कारण पठन-पाठन कार्य पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है।
राजधानी पटना में भी इस हड़ताल का मिलाजुला असर देखा गया। पटना के हाजीगंज, मसौढ़ी और पटना सिटी के अधिकांश विद्यालयों में हड़ताली शिक्षकों ने तालबंदी कर दी।
जमुई, दरभंगा, पूर्णिया और मोतिहारी जिले के विभिन्न विद्यालयों में भी आंदोलनकारी शिक्षकों ने स्कूलों में ताला लगा दिया। खबर यह भी है कि कई स्थानों पर नियोजित शिक्षकों ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीडीओ) कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया।
शिक्षकों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संध के प्रदेश अध्यक्ष पूरण कुमार ने हड़ताल को पूरी तरह सफल बताते हुए कहा कि राज्य में करीब चार लाख नियोजित शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने के कारण सैकड़ों विद्यालय ऐसे ही बंद हो गए हैं। इधर, कई विद्यालयों में तालाबंदी कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि नियोजित शिक्षकों को वेतनमान के अलावे एक काम के लिए समान वेतनमान देने तथा सरकारी सेवा में समायोजित करने की मांग को लेकर बुधवार को राज्य के शिक्षा मंत्री प्रशांत कुमार शाही से वार्ता विफल हो गई थी। इसके बाद संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने और विद्यालयों में तालाबंदी की घोषणा की थी।
नियोजित शिक्षक अपनी मांगों को लेकर पटना में कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं।