कोलकाता, 9 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बीमा तथा पेंशन से संबंधित तीन महत्वाकांक्षी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य वित्तीय समावेशन की प्रक्रिया को विस्तार देना है।
प्रधानमंत्री बनने के बाद पश्चिम बंगाल के अपने पहले दौरे पर उन्होंने यहां नजरूल मंच में एक कार्यक्रम के दौरान, ‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना’ (दुर्घटना बीमा), ‘प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना’ (जीवन बीमा) तथा ‘अटल पेंशन योजना’ की शुरुआत की।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के.एन.त्रिपाठी, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा तथा बाबुल सुप्रियो ने उस समारोह में शिरकत की जहां प्रधानमंत्री ने तीनों योजनाओं की शुरुआत की।
इसके बाद एक ऑडियो विजुअल फिल्म में तीनों योजनाओं की महत्वपूर्ण विशेषताओं से लोगों को रूबरू कराया गया। प्रधानमंत्री ने बाद में पहले तीन ग्राहकों को प्रमाण पत्र सौंपा, जिनमें दो महिलाएं थीं।
संभावना जताई जा रही है कि जन सुरक्षा योजना जन धन योजना के तहत खोले गए शून्य बैलेंस बैंक खातों की संख्या को कम करेगा। यह योजना गरीबों तथा असंगठित क्षेत्र के उन लोगों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है, जिनका न किसी प्रकार का बीमा है और न ही कोई पेंशन पाते हैं।
दुर्घटना बीमा के तहत, एक व्यक्ति को दो लाख रुपये का कवर मिलेगा, जिसके लिए उसे प्रीमियम के तौर पर सालाना 12 रुपये देने होंगे। दुर्घटना के कारण मौत या स्थायी तौर पर अपाहिज होने पर यह बीमा कवर मिलेगा।
यह योजना 18-70 वर्ष आयुवर्ग के उन लोगों के लिए हैं, जिनके पास बैंक खाता है। यह बीमा कवरेज सालाना एक जून से 31 मई तक की अवधि के लिए होगा।
वहीं, जीवन बीमा योजना में दो लाख रुपये का बीमा कवर मिलेगा, जिसके लिए ग्राहकों को सालाना 330 रुपये का प्रीमियम अदा करना होगा। यह कवरेज बैंक खाता रखने वाले 18-50 साल आयुवर्ग के लोगों के लिए होगा।
जबकि, पेंशन योजना असंगठित क्षेत्र पर केंद्रित है और ग्राहकों को 60 साल की उम्र में एक हजार, दो हजार, तीन हजार, चार हजार या पांच हजार रुपये की पेंशन मिलेगी। पेंशन राशि किए गए निवेश पर निर्भर करेगी। यह योजना 18-40 साल के लोगों के लिए है।
इस प्रकार एपीवाई के तहत किसी भी ग्राहक को 20 वर्ष या उससे अधिक अवधि तक प्रीमियम अदा करना होगा।
यह योजना निर्धारित आयु समूह के बैंक खाता धारकों के लिए उपलब्ध है, जबकि केंद्र सरकार सालाना तौर पर प्रीमियम का 50 फीसदी या एक हजार रुपये का योगदान करेगी, जो कम से कम पांच साल के लिए होगा।
सरकार का यह योगदान उन लोगों के लिए होगा, जो 31 दिसंबर, 2015 के पहले योजना का लाभ लेंगे और वे किसी सांविधिक सामाजिक सुरक्षा योजना के हिस्सा नहीं होंगे और आयकरदाता नहीं होंगे।
तीनों योजनाओं को एक साथ विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 112 केंद्रों पर संबंधित मुख्यमंत्रियों/राज्यपालों तथा केंद्रीय मंत्रियों ने शुरू किया।