भोपाल, 5 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के हरदा जिले में मंगलवार रात दो रेल गाड़ियों की 21 बोगियां पटरी से उतर गईं, जिनमें से छह बोगियां काली माचक नदी में गिर गई। हादसे में कई लोगों की मौत हुई है। 27 यात्रियों के शव बरामद कर लिए गए है। रेल प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं, वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया, “काली माचक नदी के करीब यह हादसा रेल पटरी के नीचे की मिट्टी खिसक जाने के कारण हुआ। यह मिट्टी भारी बारिश के कारण खिसकी। हादसे में मारे गए 27 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं।”
चौहान ने बताया, “दोनों रेल गाड़ियों की कुल 21 बोगियां पटरी से उतरीं। कई शव घटनास्थल से पांच किलो मीटर दूर मिले। हो सकता है कि बोगी में पानी भरने से अथवा जान बचाने की कोशिश में वे पानी के साथ बह गए हों। राज्य सरकार मृतकों के परिजनों दो-दो लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल यात्रियों को 50-50 हजार रुपये और सामान्य रूप से घायल यात्रियों को 10-10 हजार रुपये की सहायता देगी।”
चौहान ने बताया, “हादसे को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मेादी और रेल मंत्री सुरेश प्रभु से चर्चा की है। राहत व बचाव के काम में विभिन्न दल लगे हुए हैं, वहीं सेना से भी मदद मांगी गई है। उन्होंने किसी बांध से पानी छोड़े जाने की बात से इंकार करते हुए कहा कि भारी बारिश के कारण मिट्टी का कटाव हुआ।”
गौरतलब है कि रेल हादसा पाश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल-खंडवा रेल खंड पर हरदा जिले के खिरकिया-हरदा रेल्वे स्टेशन के बीच पड़ने वाली काली माचक नदी के पुल पर हुआ। मुम्बई से वाराणसी जा रही गाड़ी संख्या 11071 कामायानी एक्सप्रेस इस पुल से गुजरने के दौरान मंगलवार देर रात दुर्घटना का शिकार हो गई। इस रेलगाड़ी के चार डिब्बे काली माचक नदी के पुल पर से गुजरते समय पटरी से उतरकर नदी के गिर गए।
एक अन्य रेलगाड़ी गाड़ी संख्या 13201 जनता एक्सप्रेस के दो डिब्बे भी पटरी से उतरकर नदी में गिर गए। यह रेलगाड़ी बिहार में पटना स्थित राजेंद्र नगर टर्मिनल से मुंबई जा रही थी।
पश्चिम मध्य रेल्वे के भोपाल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी आई. बी. सिद्दीकी ने बुधवार को आईएएनएस को बताया कि कामायनी और जनता एक्सप्रेस रेलगड़ियों के छह डिब्बे पटरी से उतरकर नदी में डूब गए, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई। रेल प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दिए है। जांच का जिम्मा मुंबई में रेलवे सुरक्षा आयुक्त को सौंपा गया है।
कामायनी एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे यात्रियों ने भोपाल में संवाददाताओं को बताया कि काली माचक नदी के पुल से पहले उन्हें जोरदार झटका सा लगा और बोगी संख्या एस चार के बाद की कई बोगियां पटरी से उतरकर नदी में जा गिरी। इस गाड़ी का बहुत बड़ा हिस्सा पुल को पार कर चुका था, उसके बाद यह हादसा हुआ। कई यात्रियों ने पानी से निकलकर अपनी जान बचाई। इस गाड़ी के शेष हिस्से को वाराणसी की ओर रवाना कर दिया गया है।
यात्रियों ने बताया कि घटनास्थल का नजारा ऐसा था कि मानो उनके चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी हो। एक यात्री ने बताया कि उसकी बोगी में भी कई फुट तक पानी भर गया था और वह किसी तरह अपनी जान बचा पाया है। उस बोगी में और भी कई यात्री थे, बाकी का क्या हुआ, इसकी उसे जानकारी नहीं है।
बिहार में पटना स्थित राजेंद्र नगर टर्मिनल से मुम्बई जा रही जनता एक्सप्रेस का इंजन और दो डिब्बे भी ठीक इसी स्थान पर पटरी से उतरकर नदी में गिर गए।
हादसे की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन, पुलिस और रेलवे का अमला घटनास्थल पर पहुंच चुका है, जिसके बाद राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं। राहत एवं बचाव कार्य में ग्रामीण भी सहयोग कर रहे हैं। पानी में डूबे डिब्बों में यात्रियों की तलाश की जा रही है। गोताखोर नदी के पानी में लापता यात्रियों की भी तलाश कर रहे हैं। स्वास्थ्य दल भी मौके पर पहुंच गए हैं। सेना के राहत एवं बचाव दल को भोपाल से घटनास्थल पर भेज दिया गया है।