न्यूयार्क, 23 अगस्त (आईएएनएस)। अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी ने शोधकर्ताओं को मनुष्य के मल का पुनर्चक्रण कर उसे पुन: भोजन में बदलने के तरीके की खोज के लिए वित्तीय सहायता दी है। इस खोज के जरिए अंतरिक्ष यात्रियों को मंगल ग्रह सहित अन्य महत्वपूर्ण अंतरिक्ष अभियानों में अधिक समय तक बने रहने में मदद मिलेगी।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने बयान में कहा कि दक्षिण केरोलीना में क्लेमसन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं को इस खोज के लिए तीन साल तक प्रतिवर्ष 200,000 डॉलर दिए जाएंगे।
क्वाट्र्ज की रपट के अनुसार क्लेमसन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर मार्क ब्लेनर ने कहा, “खमीर के एक विशेष हिस्से को आनुवंशिक रूप से पॉलिमर या प्लास्टि बनाया जा सकता है। जो 3डी प्रिंटिंग के साथ साथ ओमेगा 3एस के लिए इस्तेमाल हो पाएगा। यह ह्रदय रोग के जोखिम को कम करेगा तथा बालों और त्वचा की रक्षा कर सकेगा।”
खमीर को बढ़ाने के लिए नाइट्रोजन की आवश्यक्ता होती है जो मनुष्य के मूत्र में प्रचुर मात्रा में होती है।
नासा ने कहा, “यह अनुदान पूरे अमेरिका के विश्वविद्यालयों को दिए गए अनुदानों में से आठवां है। यह अमेरिका के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए उच्च प्राथमिक जरूरतों को पूरा करने के लक्ष्य से प्रगतिशील, प्रारंभिक चरण प्रोद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।”
किसी भी जीवन रक्षक प्रणाली के लिए पौधे एक अभिन्न हिस्सा होते हैं।
मंगल ग्रह या क्षुद्र ग्रह पर यात्रा करने जैसे अभियानों को ध्यान में रखकर चल रही अंतरिक्ष एजेंसी के लिए अंतरिक्ष खेती आवश्यकता हो गई है।
नासा साल 2030 तक इंसानों को मंगल ग्रह पर भेजने की योजना बना रहा है। इसी के तहत लंबी अवधि के अंतरिक्ष अभियान पर अंतरिक्ष यात्रियों को आत्मनिर्भर बनाने के तरीकों के लिए खोजे जाने वाले विचारों में निवेश कर रहा है।