नई दिल्ली, 15 सितम्बर (आईएएनएस)।भारत और श्रीलंका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग बढ़ाने पर मंगलवार को सहमत हो गए है। दोनों देश समुद्र में सुरक्षा और स्थायित्व के लिए मिलकर काम करने पर भी सहमत हो गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के बीच मंगलवार को हुई बातचीत में इन मुद्दों पर सहमति बनी।
दोनों देशों के बीच चार समझौतों पर दस्तखत भी किए गए। इनमें श्रीलंका की लघु विकास योजनाओं को भारत की मदद और वावुनिया में जिला अस्पताल के लिए मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति करना भी शामिल है।
बातचीत के बाद मोदी ने एक बयान में कहा कि मछुआरों के मुद्दों पर भी बात हुई। उन्होंने कहा, “मैंने उनसे (विक्रमसिंघे) कहा कि इस मामले को मानवीय दृष्टिकोण से देखें। यह लोगों की रोजी-रोटी पर असर डालने वाला मुद्दा है।”
उन्होंने कहा कि विक्रमसिंघे को उन्होंने बताया कि भारतीय मछुआरों को समुद्र में दूर तक जाकर मछली पकड़ने के बारे में प्रोत्साहित किया जा रहा है।
मोदी ने प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को चुनने पर विक्रमसिंघे को धन्यवाद दिया।
तमिल समस्या पर मोदी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि श्रीलंका सरकार और वहां के लोग अपनी बुद्धिमत्ता से मसला हल कर लेंगे और तमिल समेत सभी नागरिक श्रीलंका में समानता, न्याय, शांति और सम्मान के साथ जीवन जी सकेंगे।
मोदी ने कहा, “क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता हमारी सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं। यदि क्षेत्र में स्थिरता होगी तो हम समृद्ध होंगे।”
प्रधानमंत्री मोदी ने बयान में कहा, “दोनों देशों से संबद्ध विभिन्न मुद्दों पर हमारी काफी लंबी बातचीत हुई। यह ऐसा संबंध है, जिसने आम भारतीयों और श्रीलंकाई नागरिकों के दिल को छुआ है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “हम यह भी उम्मीद जताते हैं कि महत्वपूर्ण द्विपक्षीय पहलों और परियोजनाओं को गति मिलेगी।”
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघेने कहा कि दोनों देशों के बीच के रिश्ते नई ऊंचाई पर पहुंच सकते हैं।
विक्रमसिंघे ने कहा कि उन्होंने नरेंद्र मोदी के साथ उनके अगले पांच साल में लाखों नौकरियों के सृजन सहित कई मुद्दों पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि भारत तथा श्रीलंका के मछुआरों द्वारा एक-दूसरे के क्षेत्रों का अतिक्रमण करने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई है और इसे समयबद्ध तरीके से सुलझा लिया जाएगा।
विक्रमसिंघे ने कहा कि एक क्षेत्र के रूप में पर्यटन पर भी चर्चा की गई। श्रीलंकाई प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले साल के मध्य तक वे चर्चा किए गए मुद्दों पर निष्कर्ष निकालने में सक्षम होंगे।
उन्होंने कहा कि हमारे संबंध नई ऊंचाई तक पहुंच सकते हैं।