काठमांडू, 21 सितम्बर (आईएएनएस)। नेपाल के शीर्ष नेताओं ने सोमवार को कहा कि उनका जोर भारत से रिश्तों को और बेहतर बनाने पर होगा। ये बयान भारत द्वारा नेपाल में नए संविधान के लागू होने के बाद नेपाल-भारत सीमा से लगे इलाकों में तनाव पर चिंता जताने के बाद आए हैं।
काठमांडू, 21 सितम्बर (आईएएनएस)। नेपाल के शीर्ष नेताओं ने सोमवार को कहा कि उनका जोर भारत से रिश्तों को और बेहतर बनाने पर होगा। ये बयान भारत द्वारा नेपाल में नए संविधान के लागू होने के बाद नेपाल-भारत सीमा से लगे इलाकों में तनाव पर चिंता जताने के बाद आए हैं।
तीन मुख्य दलों, नेपाली कांग्रेस, सीपीएन-यूएमएल और यूसीपीएन-माओवादी ने सोमवार को काठमांडू में संयुक्त रैली निकाली। रैली में कहा गया कि मधेसी और थारू समुदाय की चिंताओं का निवारण किया जाएगा। मधेसी और थारू देश को सात राज्यों में बांटने के मुद्दे पर आंदोलन कर रहे हैं। इनकी मांग इनके पहचान वाले इलाकों को मिलाकर इनका राज्य बनाने की है।
रैली में माओवादी नेता पुष्प कमल दहाल ‘प्रचंड’ ने कहा, “हम भारत के साथ अच्छी दोस्ती चाहते हैं।”
उन्होंने कहा कि नेपाल के दोनों पड़ोसियों चीन और भारत को नए संविधान को लागू करने के ऐतिहासिक मौके का स्वागत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि दोनों पड़ोसी देश इस ऐतिहासिक उपलब्धि के प्रति विशेष सम्मान दिखाएंगे।
प्रचंड ने कहा, “हम भारत की वाजिब और वैध चिंताओं पर ध्यान देंगे। लेकिन, भारत को भी नेपाल की चिंताओं को ध्यान में रखना चाहिए।”
भारत विरोध की अपनी परिचित शैली में प्रचंड ने कहा, “हम भारत के दोस्त बनना चाहते हैं, ‘यस मैन’ (हर बात में हां में हां मिलाने वाला) नहीं।”
प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस के नेता सुशील कुमार कोइराला ने कहा कि चीन और भारत से सौहार्दपूर्ण संबंधों के साथ नेपाल समृद्धि और स्थायित्व चाहता है। उन्होंने कहा कि नया संविधान नेपालियों की अपेक्षाओं को पूरा करता है। अब जोर आर्थिक समृद्धि और विकास पर होगा।
सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष के.पी.शर्मा ओली ने कहा कि नेपाल ‘सम्मान की सीमाओं के दायरे में रहते हुए’ अपने पड़ोसियों से अच्छे रिश्ते चाहता है।
माना जा रहा है कि कोइराला के हटने के बाद ओली प्रधानमंत्री बनेंगे।
भारत के विदेश सचिव एस.जयशंकर ने बीते हफ्ते नेपाल की यात्रा की थी। उन्होंने नेपाल में आंदोलनरत पार्टियों से बातचीत करने और कुछ दिन संविधान को लागू नहीं करने का आग्रह किया था।
नेपाल में भारत के राजदूत रंजीत राय सोमवार को नेपाल से दिल्ली के लिए रवाना हुए। वह भारतीय नेतृत्व को नेपाल के ताजा हालात से अवगत कराएंगे।