भोपाल, 24 सितम्बर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के निजी चिकित्सा व दंत चिकित्सा महाविद्यालयों में दाखिले के लिए आयोजित की जाने वाली डेंटल एंड मेडीकल प्रवेश परीक्षा (डीमेट) का भविष्य डीमेट डाटाबेस कंट्रोलर सी एल एम रेड्डी की रिपोर्ट पर निर्भर है।
उच्च न्यायायलय ने एसोसिएशन ऑफ डेंटल एण्ड मेडीकल कॉलेजेस ऑफ मध्य प्रदेश (एपीडीएमसी) और याचिकाकर्ताओं से कहा है कि वह रेड्डी को ऑनलाइन परीक्षा के लिए अपने सुझाव दें।
ज्ञात हो कि उच्च न्यायालय के निर्देश पर पहली बार 20 सितम्बर को ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की गई थी मगर तमाम गड़बड़ियों के चलते उसे बाद में निरस्त कर दिया गया था। इस पर उच्च न्यायालय ने एपीडीएमसी को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाए।
याचिकाकर्ता विभोर चोपड़ा ने आईएएनएस को बताया कि उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ए एम खानविलकर और न्यायाधीश के के त्रिवेदी की पीठ ने सभी को निर्देश दिए हैं कि वे ऑनलाइन परीक्षा के संदर्भ में शुक्रवार तक रेड्डी को सुझाव दें। उनकी रिपोर्ट के आधार पर डीमेट परीक्षा का फैसला लिया जाएगा।
चोपड़ा के अनुसार इस मामले की अगली सुनवाई 28 सितम्बर को होगी। रेड्डी को इससे पहले न्यायालय को अपनी रिपोर्ट सौंपना है। ज्ञात हो कि सर्वोच्च न्यायालय ने 30 सितम्बर से पहले डीमेट कराने के निर्देश दिए हैं।