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 भारत-बांग्लादेश सीमा हाट में हिलसा की मांग | dharmpath.com

Tuesday , 6 May 2025

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भारत-बांग्लादेश सीमा हाट में हिलसा की मांग

अगरतला, 25 सितंबर (आईएएनएस)। त्रिपुरा के भारत-बांग्लादेश सीमा हाट में स्वादिष्ट हिलसा मछली की कमी यहां के लोगों को काफी खल रही है।

अगरतला, 25 सितंबर (आईएएनएस)। त्रिपुरा के भारत-बांग्लादेश सीमा हाट में स्वादिष्ट हिलसा मछली की कमी यहां के लोगों को काफी खल रही है।

सेपाहीजला के अतिरिक्त जिलाधिकारी दिलीप कुमार चकमा ने कहा कि भारतीयों और खासकर बंगालियों की इच्छा है कि सीमा हाट में हिलसा मछली भी मिले।

कमलासागर सीमा हाटा प्रबंधन समिति के सह-अध्यक्ष चकमा ने आईएएनएस से कहा, “बांग्लादेश के अधिकारियों ने कहा कि वे अपनी सरकार से हाट में हिलसा मछली की बिक्री के लिए बात करेंगे।”

वर्ष 2012 में बांग्लादेश ने हिलसा मछली के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी, ताकि देश के लोगों को इसकी कमी नहीं हो। हिलसा मछली अंडे देने के लिए समुद्र से नदियों में आ जाया करती है। भारत और बांग्लादेश में इसकी काफी मांग है।

बांग्लादेश-भारत सीमा पर समुचित चौकसी के अभाव में बांग्लादेश की पद्मा नदी से हिलसा मछली भारतीय बाजार में लाई जाती है और 1,000 रुपये से 1,600 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेची जाती है।

हाट में बांग्लादेश से आने वाले ग्राहक भी चाहते हैं कि वहां भारतीय गाएं मिले, जिसका मांस वे पसंद करते हैं। चकमा ने कहा कि बांग्लादेशी अधिकारियों को बता दिया गया है कि भारतीय सीमा चौकी हाट में मवेशी की बिक्री की अनुमति नहीं देती है।

अतिरिक्त जिलाधिकारी ने कहा, “बांग्लादेशी अधिकारियों ने कहा कि वे भारत सरकार से अनुरोध करेंगे कि हाट में गायों की बिक्री होने दें।”

गाय को भारत में पवित्र माना जाता है, लेकिन इसे तस्करी के जरिए बांग्लादेश ले जाया जाता है। बांग्लादेश ने प्रति गाय आधार पर सिर्फ जुर्माना की व्यवस्था कर एक तरह से इस तस्करी को खुली छूट दे दी है।

हाट में अभी कटहल, अन्य फल, बिस्किट, सूखी मछली, बर्तन, लोहे के घरेलू सामान और रेडीमेड परिधान अधिक लोकप्रिय हैं। कॉस्मेटिक और छपाई वाली साड़ियों की भी काफी लोकप्रियता है।

एक अधेड़ बांग्लादेशी नागरिक समेद मियां ने कहा, “हमारी ओर भारतीय हॉर्लिक्स तथा बच्चों के खाद्य पदार्थ काफी लोकप्रिय हैं। भारतीय चॉकलेट और बिस्किट भी उतने ही लोकप्रिय हैं।”

अभी त्रिपुरा में भारत बांग्लोदश सीमा पर दो ऐसे हाटा चल रहे हैं। एक दक्षिण में श्रीनगर में औश्र दूसरा पश्चिम में सेपाहीजला जिले के कमलासागर में।

हाट सप्ताह में एक बार लगता है।

सेपाहीजला के जिलाधिकारी प्रदीप चक्रवर्ती ने आईएएनएस से कहा, “हाट में दोनों देशों की मुद्रा चलती है और इसमें बिकने वाले उत्पादों पर स्थानीय कर नहीं लगता है।”

उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति हाट में अधिकतम 6,500 रुपये की खरीदारी कर सकता है। बांग्लादेशी लड़कियों में भारतीय कॉस्मेटिक वस्तुएं खरीदने की होड़ लगी रहती है।

त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश सीमा पर दो और हाट खोलने की योजना है।

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