मुंबई, 30 सितम्बर (आईएएनएस)। स्वदेश निर्मित देश का सबसे बड़ा युद्धपोत आईएनएस कोच्चि बुधवार को नौसेना में शामिल हो गया।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इसे नौसेना को समर्पित किया।
आईएनएस कोच्चि को नौसेना में शामिल करने की घोषणा करते हुए पर्रिकर ने 7,500 टन वजनी और 30 नॉट की रफ्तार वाले इस युद्धपोत को ‘विदेशी जहाजों जितना बेहतर’ बताया।
इस युद्धपोत का निर्माण मुंबई में मझगांव डॉक्स लिमिटेड ने किया है। यह कोलकाता श्रेणी (परियोजना 15ए) का दूसरा युद्धपोत है। इस पर 4,000 करोड़ रुपये की लागत आई है।
कोलकाता श्रेणी (परियोजना 15ए) का पहला युद्धपोत आईएनएस कोलकाता अगस्त 2014 में नौसेना में शामिल किया गया था, जबकि तीसरे व अंतिम आईएनएस चेन्नई युद्धपोत को वर्ष 2016 के आखिर में नौसेना में शामिल किया जाना है।
भारतीय नौसेना के नौसेना डिजाइन निदेशालय ने आईएनएस कोच्चि का डिजाइन तैयार किया था। यह दिल्ली श्रेणी के युद्धपोत की तुलना में कई दृष्टिकोणों से उन्नत किस्म का है।
यह युद्धपोत 164 मीटर लंबा, 17 मीटर चौड़ा है। यह चार गैस टर्बाइनों से संचालित है, जो 30 नॉट की रफ्तार से आगे बढ़ सकता है।
इसमें ‘मल्टी-फंक्शन सर्विलांस एंड थ्रेट अलर्ट राडार’ (एमएफ-एसटीएआर) है और जो लंबी दूरी के सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली को लक्ष्य के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
इस युद्धपोत में अन्य दुश्मन जहाजों से खुद को बचाने की क्षमता है। यह 76-एमएम की सुपर रैपिड गन माउंट और एके-630 क्लोज इन वेपन सिस्टम, ब्रह्मोस मिसाइल से लैस है।
इस युद्धपोत से सी किंग या चेतक जैसे दो हेलीकॉप्टरों का संचालन भी किया जा सकता है। इसमें 40 अधिकारियों और नौसेना के 350 जवानों को ले जाने की क्षमता है।