नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के दादरी में एक मुस्लिम की पीट-पीट कर की गई हत्या और मुंबई में पाकिस्तानी गायक गुलाम अली का कार्यक्रम रद्द होने की घटना को बुधवार को ‘दुखद और अवांछनीय’ करार दिया।
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के दादरी में एक मुस्लिम की पीट-पीट कर की गई हत्या और मुंबई में पाकिस्तानी गायक गुलाम अली का कार्यक्रम रद्द होने की घटना को बुधवार को ‘दुखद और अवांछनीय’ करार दिया।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री के बयान को घटना से अपना पीछा छुड़ाने की कोशिश बताते हुए ‘अमानवीय’ और ‘एक छद्म बयान’ करार दिया है।
आनंद बाजार पत्रिका को दिए एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “दादरी हत्याकांड और पाकिस्तानी गायक का कार्यक्रम रद्द हो जाने जैसी घटनाएं ‘दुखद और अवांछनीय’ हैं। लेकिन इसके लिए केंद्र किस तरह जिम्मेदार है?”
मोदी ने कहा कि भाजपा कभी ऐसी घटनाओं का समर्थन नहीं करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने सवाल किया, “विपक्ष हम पर सांप्रदायिकता का आरोप लगाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन क्या विपक्ष खुद इस प्रक्रिया के जरिए ध्रुवीकरण की राजनीति नहीं कर रहा है?”
उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर बहस बहुत पहले शुरू हो चुकी है।
मोदी ने कहा, “भाजपा ने हमेशा छद्म-धर्मनिरपेक्षता का विरोध किया है। इन दुखद घटनाओं ने फिर से उन बहसों को खड़ा किया है और सिर्फ संवाद के जरिए ही कोई समाधान संभव है।”
मोदी के बयान की कांग्रेस ने कड़ी निंदा की है। पार्टी नेता सचिन पायलट ने कहा, “मेरा मानना है कि आप यह कह कर अपने हाथ नहीं खड़े कर सकते कि नई सरकार का इस घटना से कोई संबंध नहीं है।”
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री का दादरी कांड को महज ‘दुखद’ कहना ‘निहायत दुर्भाग्यपूर्ण’ और ‘अमानवीय’ है।
आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने दादरी घटना पर प्रधानमंत्री के बयान को छद्म बयान बताया।
आशुतोष ने ट्वीट किया है, “श्रीमान पीएम, अगर आपके बयान आपके काम में नहीं बदलते तो लोग आपकी बातचीत पर विश्वास नहीं करेंगे। इसे छद्म बयान माना जाएगा।”
आशुतोष ने लिखा, “यह प्रधानमंत्री के लिए अनुचित है कि पहले वह धर्मनिरपेक्षता-भाईचारे-अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता-आजादी जैसे मुद्दों पर चुप रहें और फिर आधे अधूरे मन से कुछ कहें।”
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के दादरी में एक गांव के निवासी मोहम्मद अखलाक को गोमांस खाने की अफवाह में 28 सितंबर की आधी रात को घर से बाहर खींच कर उपद्रवियों ने पीट-पीट कर मार डाला था।