नई दिल्ली, 2 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने सोमवार को पूछा कि आज असहिष्णुता के खिलाफ आवाज उठा रहे लेखक 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान क्या कर रहे थे?
नई दिल्ली, 2 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने सोमवार को पूछा कि आज असहिष्णुता के खिलाफ आवाज उठा रहे लेखक 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान क्या कर रहे थे?
नायडू ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस और वामपंथी दल बीते लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को मिले जनादेश के प्रति ‘असहिष्णु’ हैं।
उन्होंने कहा, “चेतना के रखवाले आपातकाल के दौरान चुप थे, उस वक्त जब न्यायाधीशों को दबाया जा रहा था, जब मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा था, जब एक इनसान को फायदा पहुंचाने के लिए संविधान बदला गया था, जब हजारों लोगों की जबरन नसबंदी कर दी गई थी और जब सांसदों को जेल में डाल दिया गया था।”
नायडू ने कहा, “कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों के संहार और उन्हें वहां से निकाले जाने के दौरान इनकी चुप्पी साफ दिखी थी। अब ये असहिष्णुता की शिकायत कर रहे हैं।”
नायडू ने असहिष्णुता के मुद्दे पर पुरस्कार लौटाने वालों के संदर्भ में कहा कि ये उस वक्त चुप थे जब 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हजारों सिख मार डाले गए थे।
नायडू ने कहा, “कांग्रेस के मुंह से असहिष्णुता की बात सुनना ऐसे ही है जैसे कि कोई शैतान धार्मिक प्रवचन दे रहा हो।”