राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि प्रिन्टिंग टेक्नोलॉजी में व्यापक सुधार कर समय के साथ उपयोगी बनाएं। उन्होंने कहा कि यदि एसोसिएशन की ओर से उन्हें इस संबंध में कोई प्रस्ताव प्राप्त होता है तो वे डॉ. एपीजी अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय से सम्पर्क करके उचित व्यवस्था कराने का प्रयास करेंगे।
नाईक ने कहा कि प्रिन्टिंग उद्योग में महिलाओं को भी आगे आना चाहिए। हर क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह में कुलाधिपति की हैसियत से उन्होंने यह महसूस किया है कि महिलाएं अधिक स्वर्ण पदक प्राप्त कर रही हैं। डिजायनिंग के क्षेत्र में महिलाओं का बहुत योगदान है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यवसाय में सबको साथ लेकर चलने से संगठन मजबूत होता है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रिन्टिंग में नई तकनीक के प्रयोग की आवश्यकता है। नई जानकारियों को व्यवसाय में प्रयोग करना चाहिए। कम्प्यूटर के माध्यम से अब डिजायनिंग, सैटिंग और प्रिन्टिंग के कार्य में बहुत परिवर्तन हुआ है। हर वर्ग के वाचक के लिए उसकी सविधा के अनुरूप प्रिन्टिंग होनी चाहिए। व्यवसाय में समय एवं लागत महत्वपूर्ण है। हिन्दी भाषी क्षेत्रों में प्रिन्टिंग का बड़ा बाजार है। उन्होंने कहा कि प्रकाशक गुणवत्तायुक्त और कम कीमत पर अपने ग्राहक की जरूरत को देखते हुए कार्य करें।
इस अवसर पर राज्यपाल ने प्रिन्ट जगत में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रकाशकों को ‘अनसंग हीरो अवार्ड’ एवं अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। यह सम्मान इलाहाबाद के गौरव मोहन, कानपुर के केशव प्रसाद द्विवेदी एवं दिनेश, वाराणसी के अनूप कुमार नागर एवं शिव कुमार निगम, फैजाबाद के सर्वेन्द्र विक्रम सिंह, लखनऊ के चांद मल्होत्रा, मकबूल सुभानी एवं दिनेश मित्तल को दिया गया।
कार्यक्रम में आल इण्डिया फेडरेशन आफ मास्टर प्रिन्टर्स के अध्यक्ष श्यामल बसु एवं लखनऊ प्रिन्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जवाहर लाल भार्गव ने अपने विचार रखें तथा प्रिन्टिंग के संबंध में अपनी कुछ समस्याएं भी बतायी।