कोलकाता, 10 दिसम्बर (आईएएनएस)। अगले साल पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) से संबद्ध तीन सेवाओं की शुरुआत की है। इंटरनेट पर उपलब्ध ये सेवाएं राजनीतिक दलों और मतदाताओं के लिए लाभदायक साबित होंगी।
बिहार में अपनाए गए मॉडल के आधार पर इनकी शुरुआत की गई है। ‘सुविधा’ नाम की सेवा के जरिए राजनीतिक दल सार्वजनिक सभाओं और रैलियों के बारे में एक ही जगह से सभी मंजूरियां हासिल कर सकेंगे।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने यहां संवाददाताओं से कहा, “राजनीतिक दलों को सार्वजनिक सभाओं, रैलियों आदि के लिए इजाजत लेनी होती है। चुनाव की अवधि सीमित होती है। अगर इजाजत लेने में ही समय बीत जाए तो इसका अर्थ है कि राजनीतिक दलों का कीमती समय व्यर्थ हो गया। सुविधा के तहत 24 घंटे के अंदर इजाजत मिल जाएगी। हमने अधिकारियों से सुविधा सेवा के लिए तैयारियां करने को कहा है।”
दूसरी आईटी सेवा का नाम ‘समाधान’ है। यह शिकायतों को निपटाने की डिजिटल प्रणाली है।
जैदी ने कहा, “चुनाव, मतदाता सूची, आचार संहिता आदि से जुड़ी सभी शिकायतों को एक ही आईटी प्लेटफार्म पर लाया जा रहा है। इन शिकायतों का समाधान समय के अंदर होगा। शिकायतकर्ता को उसकी शिकायत पर हुई कार्रवाई के बारे में बताया जाएगा।”
जैदी ने बताया कि तीसरी आईटी सेवा का नाम ‘सुगम’ है। यह मतदान के दौरान परिवहन सेवा के सुचारु प्रबंधन के लिए है। इस पर भुगतान, वाहन को किराए पर लेना, लॉग बुक और ऐसी ही अन्य सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
जैदी ने कहा, “चुनावी मशीनरी को बड़ी संख्या में वाहन चाहिए होते हैं। ट्रांसपोर्टरों की आम शिकायत होती है कि भुगतान समय पर नहीं मिला। इसलिए हम एक अन्य आईटी सुविधा ‘सुगम’ शुरू कर रहे हैं। नेट पर मौजूद यह सुविधा वाहनों को किराए पर लेने, उनकी लॉग बुक, भुगतान आदि में काफी मददगार साबित होगी।”