सिंगापुर, 21 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने यहां गुरुवार को कहा कि भारत स्थिरता बढ़ाने के लिए कर व्यवस्था में बदलाव कर रहा है और इसे सरल बना रहा है तथा पुराने विवादों को निपटाने की कोशिश कर रहा है।
जेटली ने यहां जारी एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘डूइंग बिजनेस एक्रॉस एशिया : लीगल कनवर्जेस इन एन एशियन कंट्री’ में कहा, “भारत में जहां तक कर कानूनों का सवाल है हमारी कोशिश कर कानूनों में धीरे-धीरे बदलाव लाने, विभिन्न विवादों और मुद्दों का समाधान करने, विवेक के आधार पर फैसले लेने की गुंजाइश खत्म करने और स्थिरता तथा सरलता बढ़ाने की है।”
उन्होंने वैधानिक मुद्दों पर अपने तरह के इस पहले वैश्विक सम्मेलन में वीडियो संदेश में कहा, “व्यापार की सुविधा बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम हो सकता है, राज्यों के बीच के अंतर को समाप्त करना और राज्यों के बीच व्यापार की बाधाओं को दूर करना।”
उन्होंने कहा, “प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
उन्होंने कहा, “कर कानूनों में समानता होगी, अनुपालन बढ़ेगा और निश्चितता बढ़ेगी। इससे देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को मदद मिलेगी।”
जीएसटी का जिक्र करते हुए जेटली ने भारतीय संघवाद की तारीफ में कहा, “भारत यदि विशाल जनसंख्या और विविधता के बाद भी मजबूत, एक राजनीतिक और आर्थिक ताकत बना हुआ है, तो इसका एक कारण यह है कि राज्यों को अलग तरह के कानून और नियम बनाने की आजादी दी गई है।”
उन्होंने कहा, “वस्तुत: व्यापार जगत यदि विविध क्षेत्रों के अवसरों का लाभ उठाना चाहता है, तो उसे कानूनों की विविधता के प्रति सहिष्णु होना होगा।”