सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने घंटों की मशक्कत के बाद हालात को काबू में किया। क्षेत्राधिकारी (गाजीपुर) दिनेश पुरी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
ज्ञात हो कि इंदिरानगर की बसंत विहार कालोनी में रहने वाले अलीम अहमद और कुशीनगर के रिजवान अहमद को गिरफ्तार किया गया है। इनसे खुफिया एजेंसी आईबी, सैन्य गुप्तचर एजेंसियों और एनआईए की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि ये आतंकी हरिद्वार के अर्धकुंभ मेले में कई बम धमाके करने वाले थे। अलीम और रिजवान ने इसके लिए हाल ही में रुड़की से गिरफ्तार अखलाक को पचास हजार रुपये दिए थे, ताकि वह बम धमाकों का इंतजाम कर सके। अखलाक के साथ मेराज, अजीम व ओसामा को भी गिरफ्तार किया गया है।
यूपी में तबाही मचाने के लिए आतंकियों ने लखनऊ के इंदिरानगर इलाके में साजिश रच डाली और राजधानी की हाईटेक पुलिस को भनक तक नहीं लगी। आईबी व एटीएस को सूचना मिली थी कि आईएस के कुछ आतंकी लखनऊ में मौजूद हैं। धरपकड़ के लिए छेड़े गए खुफिया अभियान से पता चला कि आईएस के 8 आतंकियों ने लखनऊ में संदिग्ध अलीम के घर इंदिरानगर में बसंत विहार स्थित घर के करीब गुपचुप बैठक की थी। तय हुआ था कि हरिद्वार में बम विस्फोट कर बड़े पैमाने पर तबाही मचाई जाएगी। इसके लिए बाकायदा विस्फोटक व अन्य सामग्री जुटा ली गई थी।
सर्विलांस के बाद यूपी एटीएस को सुराग मिले और इंदिरानगर के बसंत विहार इलाके में छापे मारी की गई। संदिग्ध अलीम को लखनऊ और रिजवान को कुशीनगर से दबोचा गया।
लखनऊ में पकड़े गए आतंकी अलीम अहमद के पिता की मुंशी पुलिया चौराहे के पास पुलिस चौकी के पीछे सैलून है।
पुलिस के मुताबिक, सोशल मीडिया के जरिये आरोपी पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के संगठन को यहां की गुप्त जानकारियां देते थे। बम धमाकों के लिए उन्हें बड़ी रकम भी मिली थी।
सीओ का कहना है कि इस संबंध में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता कि आरोपी मूलरूप से कहां के रहने वाले हैं। फिलहाल जांच चल रही है।