समाचार एजेंसी तस्नीम की एक रपट के मुताबिक, अभ्यास को ‘वेलायत 94’ नाम दिया गया है, जो सामरिक जलडमरूमध्य होरमूज के पूरब से लेकर हिंद महासागर के उत्तरी हिस्से तक लगभग तीस लाख वर्ग किलोमीटर के दायरे में किया जा रहा है।
देश की जल सीमा में किसी काल्पनिक शत्रु के प्रवेश से बचाव के लिए अभ्यास के पहले दिन से ही स्वदेश निर्मित स्पीडबोट्स तथा तारेक-श्रेणी की भारी पनडुब्बी के साथ ही विमानों को क्षेत्र में तैनात कर दिया गया।
साथ ही तट से समुद्र में मार करनेवाले मिसाइल लॉन्चर, तटीय तोप तथा इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली को भी तैनात किया गया है।
नौसेना के लेफ्टिनेंट कमांडर रियर एडमिरल गुलामरेजा खादिम बिघम ने इससे पहले कहा कि सैन्य अभ्यास का उद्देश्य ईरान की नौसैन्य क्षमताओं व सैन्य उपकरणों की जांच करना है।