नई दिल्ली, 4 फरवरी (आईएएनएस)। विश्व के पहले ई-वितरक बाय लाइव एवं एनबीएफसी रेलीगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड ने मिलकर फुटकर विक्रेताओं के लिए ‘उधार बाय जस्ट पे’ लांच किया है। इस नए उत्पाद का लक्ष्य फुटकर विक्रेताओं (रिटेलर्स) को उनकी कारोबारी (स्टॉक-इन-ट्रेड) जरूरतों के लिए संरचनाबद्ध ऋण (क्रेडिट लाइन्स) प्रदान करना है।
भारत में 5 करोड़ से ज्यादा लोग स्वरोजगार से जुड़े हैं जो तहबाजारी से किराना दुकान तक का काम करते हैं। उत्पादन एवं सेवा क्षेत्र में नौकरियों की कमी के कारण उन्हें फुटकर विक्रेता का काम करना पड़ता है। यह कमजोर सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली के चलते है, जो 30 करोड़ युवाओं को उनके कौशल के अनुरूप नौकरी दिला पाने में असमर्थ है। वो या तो छोटे मोटे काम करने लगते हैं, या छोटे कारोबारी बन जाते हैं।
ऐसे में वितरक अपने फुटकर विक्रेताओं को असुरक्षित, सब्जेक्टिव बिजनेस क्रेडिट देते हैं। एक दिन में दिए जाने वाले इन सभी क्रेडिट का संयुक्त मूल्य 1 लाख करोड़ से अधिक है। इसके लिए वितरक फुटकर विक्रेता पर मनमाफिक शर्ते लादता है। जब दो पक्षों के बीच झगड़ा होता है, तो छोटे फुटकर विक्रेता को अधिक परेशानी उठानी पड़ती है, क्योंकि यह विक्रेता का बाजार है।
यदि भारत के आम दुकानदार के पास पूंजी हो, तो वो खुद चुन सकते हैं कि उन्हें कब, किससे और क्या खरीदना है। इससे मार्जिन भी बढ़ जाएंगे, क्योंकि वो इन्वेंटरी के लिए फौरन भुगतान कर सकेंगे एवं वैरायटीज बढ़ाकर कैश छूट प्राप्त कर सकेंगे।
जस्ट बाय लाईव इंटरप्राईज प्रा. लि. के चेयरमैन एवं सीईओ सहिल सानी ने बताया, “उद्यमियों को कारोबार की स्वतंत्रता देना एक मौलिक अधिकार है। रिटेलर्स को कार्यशील पूंजी के लिए अपने सप्लायर्स पर निर्भर रहने की क्या जरूरत है? उपभोक्ताओं को कार लोन के लिए कार कंपनी पर निर्भर होने की जरूरत नहीं है और न ही उन्हें शॉपकीपर से क्रेडिट की उम्मीद करने की जरूरत है। यह उधार देने वाले बैंकों एवं क्रेडिट कार्ड कंपनियों का काम है। इसीलिए हम भारत के ‘आम दुकानदारों’ को उधार की सुविधा देना चाहते हैं, ताकि वो अपनी इच्छा से कुछ भी खरीद सकें। इससे कारोबार में समानता आएगी।”
रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड के एमडी व सीईओ कवि अरोड़ा ने कहा, “रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड आम दुकानदारों को कई बार निकासी की सुविधा के साथ औपचारिक ‘उधार’ की सुविधा प्रदान करता है। इससे छोटे फुटकर विक्रेताओं को व्यापार स्थापित करने एवं विकसित करने में मदद करेगी।”
उधार बाय जस्ट पे, जस्ट बाय लाइव इंटरप्राइज प्रा. लि. की डिवीजन है। जस्ट बाय लाईव विश्व का पहला ई-वितरक है।